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जिम्मेदारों की ऐसी अनदेखी: जुलाई में दिए थे उपयोगिता प्रमाण पत्र, छह माह बाद भी नहीं हुआ भुगतान

झाड़ोल. पंचायत समिति झाड़ोल को मार्च 2018 से पहले ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित करने का लक्ष्य मिला है.

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jhadol ODF case udaipur

झाड़ोल. पंचायत समिति झाड़ोल को मार्च 2018 से पहले ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित करने का लक्ष्य मिला है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी रोड़ा बनी हुई है। हालात ये है कि क्षेत्र में जिन शौचालयों का उपयोग प्रमाण पत्र 6 माह पूर्व दे दिया गया, उनकी राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया।

पंचायत समिति को ओडीएफ घोषित करने को लेकर कलक्टर और जिला परिषद सीईओ ने दिया है। पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों में कार्यरत स्टाफ ध्यान नहीं दे रहे है। उदाहरण के तौर पर ग्राम पंचायत सुलतानजी का खेरवाड़ा का मिला, जिसमें 6 माह पूर्व ग्रामीणों ने शौचालय निर्माण कर यूसी ग्राम पंचायत में जमा करवा दी, लेकिन सहायता राशि नहीं मिली।

ग्रामीणों ने कलक्टर को ज्ञापन देकर राशि की मांग की। बताया कि शौचालय निर्माण कराया और 17 परिवारों की ओर से फोटो, आधारकार्ड, भामाशाह कार्ड, राशनकार्ड, समेत सभी आवश्यक दस्तावेज ग्राम पंचायत में जुलाई में ही जमा करा दिए, लेकिन भुगतान नहीं हो पाया। लाभार्थियों ने कनिष्ठ लिपिक प्रभुलाल की ओर से घर-घर जाकर नाम ऑनलाईन होना बता, शौचालय निर्माण को कहा था। अब ग्रामीणों की ओर से प्रभुलाल से सम्पर्क करने पर संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा रहा है। चन्दवास में जनसुनवाई, राजस्थान सम्पर्क समेत कई बार ज्ञापन दिए गए, लेकिन समाधान नहीं हुआ। बताया कि चन्दवास ग्राम पंचायत में रात्रि चौपाल में भी कलक्टर बिष्णुचरण मलिक को ज्ञापन दिया था।

आखिर कहां गई राशि
तत्कालीन बीडीओ रमेश सोलंकी के हस्ताक्षर से 4 अगस्त को 17 लाभार्थियों के शौचालय निर्माण राशि का समायोजन कर भुगतान करना बता दिया है, जबकि अभी तक भुगतान नहीं हो पाया। जो स्वच्छता भारत मिशन की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

इनका नही हुआ भुगतान
भगवतीलाल, भंवरलाल, अमरचन्द, कन्हैयालाल, कमलपुरी, हीरालाल, पवन कुमार, हीरालाल, किशन, डालीबाई, दलीचन्द, रतनलाल, मोहनलाल, लक्ष्मीलाल, प्रकाश, भगवतीलाल, पे्रमचन्द को भुगतान नहीं हुआ है।

ये मामला मेरे आने से पहले का है, फिर भी प्रयास करूंगा। भुगतान कराने को लेकर पूर्व बीडीओ रमेशचंद्र सोलंकी अच्छी तरह से बता सकेंगे।
रमेशचन्द मीणा, बीडीओ, झाड़ोल

उपयोगिता प्रमाण पत्र तत्कालीन सचिव शान्तिलाल नागदा की ओर से देरी से प्रस्तुत किए गए, जिससे भुगतान नहीं हुआ होगा। भुगतान करवा देंगे, फिर से समायोजन करवाना पड़ेगा।
रमेशचन्द सोलंकी, तत्कालीन बीडीओ, झाड़ोल