
उदयपुर . भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा कि जिस खिलाड़ी में हुनर हो, वह कभी पीछे नहीं रहता। किसी ना किसी माध्यम से वह आगे आता ही है। आज तो कई ऐसे प्लेटफार्म है, जिससे वह आगे बढ़ सकता है। उदयपुर में रविवार को एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए कपिल बोले कि यदि ग्रामीण प्रतिभा को भी माकूल मौका मिले तो वह आगे आ जाता है। निजी कंपनियों को भी खिलाडिय़ों के हुनर को तराशने के लिए आगे आना चाहिए।
देव ने एक सवाल पर कहा कि फिलहाल वह कोई एकेडमी नहीं खोल रहे, वह पहले भी इससे दूर थे, अब भी दूर हैं। भारतीय टीम और अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी के सवाल पर कपिल ने कहा कि यदि मुझे बुलाया नहीं जाएगा, तो मैं नहीं जाऊंगा। मुझे बुलाएंगे तो मैं हर स्तर पर तैयार हूं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में बड़ा बदलाव आया है।
अब खिलाड़ी 35 बॉल में शतक लगा लेते हैं, पहले यह नहीं था। आज के खिलाडिय़ों में बहुत आत्मविश्वास है, टैलेन्ट सामने आ रहा है। भारतीय क्रिकेट टीम की पूरी दुनिया में बहुत साख है।
पाकिस्तान के साथ मैच में मैदान के बाहर दबाव का असर अन्दर होने की बात स्वीकारते हुए कपिल ने कहा कि जितना दबाव लोगों पर होता है, उतना ही हम खिलाडिय़ों पर भी। हम लोगों से अलग नहीं हैं।
यूनिसेफ का आयोजन : तीन विधायकों ने लिया हिस्सा, बच्चे सुरक्षित रहे, यही मुख्य लक्ष्य
उदयपुर. यूनिसेफ की ओर से रविवार को निजी होटल में ओडीएफ विषयक प्लानिंग बैठक हुई जिसमें तीन विधायक अभिषेक मटोरिया, फूलसिंह मीणा व दलीचंद डांगी के समक्ष राजस्थान की वर्तमान स्थिति को लेकर विचार व्यक्त किए गए। यूनिसेफ राजस्थान की कम्यूनिकेशन विशेषज्ञ सुचोरिता बर्धन ने बताया कि राजनीति से जुड़े लोगों के साथ यह दूसरी बैठक है। इससे पूर्व नवम्बर में बैठक हुई थी। इनका उद्देश्य है कि बच्चा हर हाल में सुरक्षित हो। आगामी दो या तीन साल में स्टेट एडवाइजरी ग्रुप फॉर चिल्ड्रन तैयार करना है।
यह ग्रुप बच्चों से जुड़े मुद्दों व समस्याओं पर चर्चा करेगा। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर सरकार तक यह बात पहुंचाते हुए ग्रुप के निर्णयों को जुड़वाना जरूरी है। दिल्ली में एक ऐसा गुप पहले से ही संसद से जुड़ा हुआ है। यूनिसेफ बच्चों के लिए काम करेगा, जिसमें स्वास्थ्य पोषण, वाटर सेनिटेशन, हाइजीन, इंटीग्रेटेड वाटर रिसोर्स, क्लाइमेंट चेंज और सुरक्षित बचपन पर फोकस करेंगे। राजस्थान की स्थिति को राजनीति से जुड़े लोगों तक पहुंचाएंगे। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर हमने मार्च 2018 तक लक्ष्य तय किया है।
शौचालय कैसे बन रहे हैं एवं कहां-कहां उपयोग हो रहा है, इस पर भी हमारी नजर रहेगी। खासतौर पर कम्यूनिटी हैल्थ पर चर्चा जरूरी है। शौचालय बनने के बाद कहां-कहां इसका उपयोग हो रहा है, और कहां नहीं, यह रिपोर्ट भी तैयार करेंगे।
Published on:
25 Dec 2017 01:09 pm
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