सिंचाई विभाग के अधिकारियों को पहले से नेशनल हाइवे 58ई उदयपुर वाया झाड़ोल होते हुए गुजरात जाने की पूर्व में जानकारी थी। जब एनिकट की योजना बनाई जा रही थी, उससे पहले ही नेशनल हाइवे का सर्वे पूर्ण हो चुका है। इसके बावजूद देवड़ावास एनिकट का सर्वे कर ठेकेदार की ओर से इसका निर्माण करवा दिया गया। जिससें सरकार को 21 लाख की चपत लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारी भविष्य का ध्यान रखकर योजना बनाते तो आज ये हालात नहीं होते।
इनका कहना है नुकसान तो हुआ है लेकिन इसकी भरपाई के लिए हाईवे एथोरिटी से बात करके उनको रिटर्निंग वॉल बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। जिससे पानी का स्टोरेज बढ़ाने की कोशिश करेंगे। दिलीप सिह देवड़ा, ए.ई.एन, सिंचाई विभाग, झाड़ोल