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लम्पी का कहर : एक साल में लील गया 76 हजार से ज्यादा गोवंश

- प्रदेश में लम्पी स्किन रोग से 2022 में मरने वाले पशुओं का आंकड़ा, सभी पशु पालकों को मिलेगा मुआवजा

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लम्पी का कहर : एक साल में लील गया 76 हजार से ज्यादा गोवंश

लम्पी का कहर : एक साल में लील गया 76 हजार से ज्यादा गोवंश

बीते वर्ष प्रदेश में फैले लम्पी स्किन वायरस ने कहर बरपाया। पशुपालकों काे अपने कमाऊ गोवंश को काल का ग्रास बनते देखना पड़ा। राज्य में हाल ही मुख्यमंत्री ने उदयपुर से घोषणा की है कि जो गोवंश लम्पी वायरस का शिकार हुए हैं, उनके पालकों के खाते में 16 जून को 40-40 हजार रुपए डालेंगे। पत्रिका ने लम्पी से मरने वाले पशुओं का रेकाॅर्ड खंगाला तो चौंकाने वाले आंकडे़ सामने आए। पशु पालन विभाग के मुताबिक बीते वर्ष 2022 में 76030 पशु लम्पी वायरस का शिकार हो गए।

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प्रदेश के बडे़ जिलों के हाल

जिला- मृत गो वंश की संख्या

उदयपुर- 2573

जोधपुर- 4159बीकानेर- 2985

अजमेर- 4491जयपुर- 4203

भरतपुर- 1797कोटा- 43

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रोकथाम के लिए सरकार ने ये किए प्रयास

अप्रेल 2022 में प्रदेश में सर्वप्रथम जैसलमेर जिले में हापुड़, सुलिया आदि गांवों में आईएसडी रोग सामने आया। जिसका कन्फर्मेटिव निदान आरसीइ हिसार से करवाया गया। इसके बाद 12 मई 2022 से राज्य में लंपी स्किन डिजीज की पुष्टि होने पर रोग नियंत्रण, उपचार एवं रोकथाम के लिए भारत सरकार की गाइड लाइन अनुरूप दिशा निर्देश जारी किए गए। 24 अगस्त 2022 तक राज्य के 32 जिलों में लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप नजर आया। 24 जनवरी 2023 तक की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 32 जिलों में 15.67 लाख पशु इस रोग से प्रभावित हुए। जिनमें से 14.91 लाख पशु ठीक हो गए। जबकि इस रोग से 76030 पशुओं की मृत्यु हुई। राज्य में 107.79 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। जिसमें से पशुपालन विभाग की ओर से 104.96 लाख एवं दुग्ध संघ की ओर से 2.83 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया। आपातकालीन मद से औषधि क्रय के लिए 483.88 लाख आवंटित किए गए। कॉनफेड़ के माध्यम से 20 करोड़ की औषधियों की आपूर्ति लम्पी स्किन डिजिज की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जिला कार्यालयों को की गई। राज्य सरकार की ओर से 30 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन किया गया। जल ग्रहण क्षेत्रों में औषधियों की आपूर्ति के लिए जल ग्रहण विकास एवं मृदा संरक्षण विभाग द्वारा 725 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।

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वैक्सीन प्रोक्योरमेंट एवं वैक्सीनेशन

- राज्य में गोवंशीय पशुओं की संख्या के आधार पर टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्य 111.50 लाख। गोपालन विभाग द्वारा गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के लिए 13 अगस्त 22 को जिलों की मिल्क यूनियन को निर्देशित किया गया।- गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने की राशि 6.23 करोड़ में से गौ वंश संरक्षण एवं संवर्धन निधि से 1.41 करोड़ तथा शेष राशि का भुगतान एस्केड योजना अन्तर्गत विभाग की ओर से गया है।

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भर्ती हुए 940 पशुधन सहायक

प्रदेश में 940 पशुधन सहायक नियमित भर्ती से नियुक्त किए गए। साथ ही 300 की जिला स्तर से यूटीबी पर भर्ती की तैयारी की गई। प्रभावित जिलों में 38 पशु चिकित्सा अधिकारी तथा 133 पशुधन सहायकों को कार्य व्यवस्थार्थ लगाया गया।


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