
उदयपुर। कैलाशपुरी स्थित ऐतिहासिक व पुरा महत्व का बाघेला तालाब सरकारी रेकॉर्ड से गायब ही हो गया। तालाब का क्षेत्रफल और भराव क्षमता किसी भी विभाग के पास नहीं है। इसी का फायदा उठाकर कई भू-माफिया तालाब पेटे में ही उतर गए और खातेदारी जमीन की आड़ में होटल और विला तक खड़े कर दिए।
बड़ी बात ये कि अधिकारियों ने भी आंख मूंदकर तालाब पेटे में नियम विरुद्ध स्वीकृतियां तक जारी कर दी। प्राचीन तालाब का क्षेत्रफल पूर्व में काफी आगे तक था, लेकिन पर्यटन की आड़ में यहां पर भूमाफियाओं की ऐसी नजर पड़ी कि धीरे-धीरे इसके पेटे पर हक जमाने लगे।
पेटे में भराव डालते हुए पेटे को काफी ऊंचा कर दिया। धीरे-धीरे निर्माण कार्य करते हुए होटल और विला खड़े कर दिए। होटल-विला तक जाना का रास्ता आम सड़क से रखा, लेकिन निर्माण कार्य तालाब पेटे में किया गया।
रियासत काल की सम्पत्ति होने की वजह से यह जल संसाधन विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं आया, वहीं पूर्व में किस विभाग के पास रहा इसकी जानकारी भी किसी को नहीं। पंचायत के पास भी इस तालाब का आधा अधूरा रेकॉर्ड है।
तालाब में आसपास की पहाड़ियों का पानी पहुंचता है, जिससे सालभर पानी भरा रहता है। इसको भरने वाले आसपास के कैचमेंट को भी भूमाफिया इतना प्रभावित कर चुके हैं कि यहां पानी की आवक काफी कम हुई है।
कोर्ट के आदेश पर जल संसाधन विभाग से रेकॉर्ड मांगा था, लेकिन रेकॉर्ड नहीं बताया। राजस्व विभाग ने भी रेकॉर्ड नहीं दिया। -नारायणलाल, सरपंच
तालाब कभी जल संसाधन तालाब कभी जल संसाधन हुआ। ऐसे में रेकॉर्ड में तालाब से संबंधित डेटा उपलब्ध नहीं है। -निर्मल मेघवाल, एइएन
Published on:
02 Oct 2024 08:52 am
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
