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चिकित्सक रुकने को नहीं तैयार, रात में नहीं मिलता उपचार

locationउदयपुरPublished: Nov 17, 2019 01:46:16 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

medical and health department ग्राम पंचायत देवला स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला

चिकित्सक रुकने को नहीं तैयार, रात में नहीं मिलता उपचार

चिकित्सक रुकने को नहीं तैयार, रात में नहीं मिलता उपचार

उदयपुर/ पारसोला . medical and health department समीपवर्ती देवला स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के नाम पर खानापूर्ति का ढर्रा बरकरार है। चिकित्सक एवं स्टाफ की ड्यूटी को लेकर गैर जिम्मेदारी लोगों को परेशान कर रही है। अधिकांश मौकों पर स्टाफ की समस्याओं से जूझते यहां के लोगों का सरकारी संस्थान से मोह छूटता जा रहा है। लोग सरकारी चिकित्सक तक पहुंचने की बजाए निजी क्लीनिकों के भरोसे स्वास्थ्य सेवाएं ले रहे हैं। पीएचसी पर वार्ड बॉय सहित अन्य स्टाफ के समय पर नहीं आने का ढर्रा सुधर नहीं रहा। पारसोला से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। समीपवर्ती लोहागढ़, झड़ोली, अम्बाव, तालाबपुर, पाटलाबावड़ी, मायाखेड़ी, उल्टन सहित कई गांवों के करीब 12 हजार से ज्यादा लोगों का सहारा ये स्वास्थ्य केंद्र कार्मिकों की उपेक्षा के नाम से भी पहचाना जाता है। अधिकांश मौकों पर माइंस इलाके से आने वाले घायलों को यहां उपचार के लिए पहुंचाया जाता है। बावजूद इसके लोगों को यहां समय पर उपचार नहीं मिलता।
ऐसे हैं आरोप
वार्डपंच रमेश मीणा, उमेश, दिनेश, कमलेश, नारायण, राजमल सहित अन्य ग्रामीणों की मानें तो चिकित्सालय में अधिकांश मौकों पर स्वास्थ्य सेवा के लिए नियुक्त चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ नहीं मिलते। रात के समय किसी दुर्घटना के दौरान मरीजों को खासी समस्या झेलनी पड़ती है। गंभीर रोगी और घायलों को उपचार के लिए 25 किलोमीटर दूर धरियावद या भबराना ले जाना होता है, जबकि अधिकांश मौकों पर उदयपुर तक का सफर तय करना होता है। लोगों का आरोप है कि कई बार समस्या को लेकर उनकी ओर से धरियावद बीसीएमओ एवं प्रतापगढ़ कलक्टर को इस बारे में अवगत कराया गया है, लेकिन समस्या को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ऐसे हैं हाल
स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो यहां चिकित्सक के नाम पर दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन एक चिकित्सक का पद लंबे समय से रिक्त है। एक चिकित्सक भी धरियावद में रहने के कारण समय पर नहीं पहुंचता। एक आयुष प्रभारी भी 10 बजे के पहले चिकित्सालय नहीं आते। चिकित्सक कमलसिंह जाट से दूरभाष पर संपर्क करने का भी कोई माध्यम नहीं है। बहुत से मौकों पर उनका फोन बंद ही रहता है। इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ के दो पद, एएनएम, एलएसवी, लैब टेक्निशियन, लेखा सहायक, फार्मासिस्ट जैसे महत्वपूर्ण पद भी यहां खाली पड़े हुए हैं। एक औसत के हिसाब से यहां मासिक एक प्रसव होता है। चिकित्सालय परिसर में चिकित्सक आवास में वार्ड बॉय रहता है।
सब सेंटर पर भी ताला
पीएचसी के अधीन पांच सब सेंटर हैं। इनमें झड़ोली, पाटलाबावड़ी, अंबाव, तालाबपुरा व लोहागढ़ के नाम शामिल हैं, जो कि कार्मिकों के अभाव में बंद पड़े हैं। धरियावद बीसीएमओ एसके जैन ने बताया कि चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की पूरे उपखण्ड में कमी बनी हुई है। इसके बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया जा चुका है। देवला पीएचसी पर चिकित्सक एंव नर्सिंगकर्मी समय पर नहीं पहुंच रहे हैं तो उन्हें नोटिस देकर पाबंद किया जाएगा।
कई बार बताई समस्या
देवला पीएचसी में चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की हठधर्मिता को लेकर ज्ञापन दिए गए हैं। बीसीएमओ के साथ जिला कलक्टर को भी वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन किसी भी स्तर पर समस्या के समाधान को लेकर पहल नहीं हुई। आए दिन मरीजों को उपचार के लिए धरियावद व भबराना तक जाना पड़ता है। medical and health department आगे समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
नारायणलाल मीणा, सरपंच, ग्राम पंचायत देवला
आकड़ों का सच
नाम: आदर्श पीएचसी देवलास्थापना: वर्ष 2001
पेराफेरी के गांव: लोहागढ़ 5 किमी, झड़ोली 10 किमी, तालाबपुर 8 किमी, पाटलाबावड़ी 8 किमी, अम्बाव10 किमी के साथ मायाखेड़ी, उल्टन।
अधिकार क्षेत्र के सबसेंटर: कुल 5 (सभी बंद)
प्रतिदिन की ओपीडी: 30मासिक प्रसव: एक
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