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सुविधा के नाम पर चिकित्सा विभाग ने ‘फांसा,जमीन पर सुलाकर दिया ‘झांसा

locationउदयपुरPublished: Dec 10, 2019 12:40:37 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

nasbandi camp नसबंदी पीडि़ताओं की किसी ने नहीं ली सुध, ऑपरेशन के बाद चिकित्सालय के फर्श पर दिया स्थान

सुविधा के नाम पर चिकित्सा विभाग ने 'फांसा,जमीन पर सुलाकर दिया 'झांसा

सुविधा के नाम पर चिकित्सा विभाग ने ‘फांसा,जमीन पर सुलाकर दिया ‘झांसा

उदयपुर/ गोगुंदा. nasbandi camp सरकारी लक्ष्य को पूरा करने में जुटा सेहत का महकमा नसबंदी के नाम पर गरीब तबके की महिलाओं के स्वास्थ्य से खुले में खेल कर रहा है। ऑपरेशन के दौरान सुविधाओं का झांसा देने वाले महकमे के नुमाइंदे नसबंदी के बाद उन्ही महिला लाभार्थियों को सोने के लिए फर्श मुहैया करा रहे हैं। सर्द दिनों में जमीन पर लगा बिस्तर महिला लाभार्थियों को नागवार गुजर रहा है, लेकिन लक्ष्य पूर्ति का आकड़ा पूरा करने में जुटे महकमे के जिम्मेदारी ऐसी महिलाओं की समस्याओं को लेकर अनदेखी करने से झिझक नहीं रहे। कुछ ऐसा ही हाल गोगुंदा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। ऑपरेशन के नाम पर विशेष सुविधाएं मुहैया कराने का झांसा देकर नसबंदी वाली महिलाओं को चिकित्सा कार्मिक सीएचसी तक लेकर पहुंचे। विभागीय नुमाइंदों के बहकावे में आकर करीब 49 महिलाओं ने शिविर में हिस्सा लिया, लेकिन इसके बाद वह हुआ, जिसकी लाभार्थी महिलाओं ने उम्मीद भी नहीं की थी। यहां महिलाओं को ऑपरेशन के बाद फर्श पर सुलाया गया। हालात ऐसे भी बने की जमीन पर सोने से इनकार करने वाली महिलाओं में से कुछ को एक बेड पर ही दूसरी महिला लाभार्थी के बगल में सुलाया गया। सुबह के समय ऑपरेशन के बाद महिलाओं को घर तक पहुंचने के लिए भी खासा परेशान होना पड़ा। सुबह विभागीय नुमाइंदे लाभार्थी महिलाओं को बस से लेकर आए, जबकि जाते समय उन्हें कई चक्कर कर एंबुलेंस से छुड़वाया गया। इसके चलते बहुतायत में महिलाएं शाम तक घर नहीं पहुंच पाई। समस्या से महिला लाभार्थियों के साथ चिकित्सालय आए परिजन और उनके छोटे बच्चे भी परेशान दिखाई दिए। खास समस्याएं उन महिलाओं को झेलनी पड़ी, जिनके घर दूरदराज के फलों में पहाड़ी हिस्सों पर है। यहां एंबुलेंस उन्हें सड़क तक पहुंचाने की ही सुविधा देती है, जबकि पहाड़ी हिस्से पर घर तक पहुंचने के लिए उन्हें चार कंधों का सहारा लेना पड़ता है। देर शाम मदद के लिए लोगों के नहीं मिलने की समस्याएं भी कई लाभार्थियों के लिए भारी पड़ी। इधर, विभाग के ही कुछ नुमाइंदों की मानें तो उन्हें नसबंदी के आकड़ों से बढ़ाने से मतलब है। सुविधा और असुवधिाएं बाद का विषय है। बता दें कि प्रत्येक सोमवार को स्वास्थ्य केंद्र पर नसबंदी शिविर लग रहे हैं। पूरे ब्लॉक से महिलाओं को प्रेरित कर इन शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। हर बार शिविर में 20 से 30 महिलाएं आती हैं, जबकि इस बार 50 से ज्यादा महिलाएं इस शिविर में पहुंची।
आंखें तरस गई
एक ओर महिला लाभार्थियों की नसबंदी शिविर में अधिकता देखने को मिली तो दूसरी ओर नसबंदी शिविर से पुरुष लाभार्थियों ने दूरी बनाए रखी। लाख दावों के बावजूद चिकित्सा महकमा पुरुष नसबंदी के आकड़ों को बढ़ाने में सफल नहीं हो रहा है। इधर, चिकित्सा स्टाफ भी शिविर में पुरुष लाभार्थियों के आने को लेकर नजरें गड़ाए रहा।
सुविधा की मांग
शिविर में अन्य सोमवार की अपेक्षा इस बार महिलाओं की संख्या अधिक थी। विभागीय कायदों के तहत उन्हें बेड उपलब्ध कराए हैं। बेड कम पडऩे पर जमीन का आसरा लिया होगा। nasbandi camp महिलाओं की समस्याओं को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे।
डॉ.ओ.पी. रायपुरिया, बीसीएमओ, गोगुंदा
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