कांग्रेस सत्ता की दौड़ में भले ही पिछड़ती दिख रही है, लेकिन अब तक कांग्रेस की ओर से किसी तरह की कार्ययोजना उजागर नहीं की गई है। ऐसे में भाजपा और जनता सेना के बीच किसी तरह का तालमेल नहीं बैठता है तो अंतिम दिन कांग्रेस अपने सात पार्षदों के बूते किसी एक राजनीतिक दल को पर्दे के पीछे से समर्थन देकर खेल बिगाड़ सकती है। इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है। देखना है कि कांग्रेस के अग्रणी ओहदेदार पिछली बार की तरह धुरविरोधी दलों में किसके समर्थन में जाती है।
बात अगर, कांग्रेस और भाजपा की करें तो अब तक के इतिहास में इन दोनों दलों को धुरविरोधी के तौर पर देखा गया है। हालांकि, कानोड़ के इतिहास में पिछली बार कांग्रेस की ओर से भाजपा को पर्दे के पीछे से समर्थन दिया गया था। दूसरी ओर भाजपा भी कांग्रेस को धुरविरोधी बताने का कोई मौका नहीं खो रही। भाजपा के जिम्मेदार कांग्रेस के साथ जाने को किसी तरह से भी तैयार नहीं है। लेकिन, भाजपा के नुमाइंदे पार्टी के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया और जनता सेना सुप्रीमो रणधीरसिंह भींडर के बीच गहरे जख्मों को भी नहीं भुला पा रही है। इसलिए भाजपा की ओर से जनता सेना की ओर से आगे होकर समर्थन देने की उम्मीद की जा रही है। वहीं जनता सेना भी कटारिया को लेकर ही झुकने को तैयार नहीं है। सेना सुप्रीमों भींडर अपनी प्रतिष्ठा को दांव में रखकर आगे होकर भाजपा को समर्थन देने से कतरा रहे हैं। चूंकी स्थानीय स्तर पर विधायक गजेंद्रसिंह शक्तावत और पूर्व विधायक रणधीरसिंह भींडर के बीच राजनीतिक प्रतिस्पद्र्धा के बीच खुदी हुई गहरी खाई भरती नहीं दिख रही।
चुनावी परिणामों को देखते हुए भाजपा, कांग्रेस और जनता सेना तीनों ही दलों ने विजेता पार्षदों की बाड़ाबंदी कर रखी है। पार्षदों को कथित कैद में रखते हुए उनका आम लोगों से दूरभाष संपर्क भी काटा हुआ है। ऐसे में तीनों ही राजनीतिक दलों की ओर से दूरभाष के माध्यम से जोड़-बाकी को लेकर मंथन जारी है। कांग्रेस के नेता जैसे-तैसे कर जोड़तोड़ बिठाने में लगे हैं। पूर्व विधायक रणधीरसिंह भी कभी प्रत्याशियों के बीच तो कभी एकांत में समीकरण बिठाने के लिए जोड़-बाकी कर रहे हैं। नगर कांग्रेस अध्यक्ष सुनिल शर्मा प्रताप चौराहा पान की दुकान पर तो पूर्व प्रधान व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करण सिंह कौठारी फोन पर लंबी चर्चा करते नजर आए । भाजपा के वल्लभनगर प्रभारी उदयलाल डांगी भी नगर पालिका के बाहर परिसर में दूरभाष पर चहेतों को जगाने में सक्रिय रहे। भाजपा अध्यक्ष पद के लिए दो नामांकन भरना चाहती थी, लेकिन दस्तावेज के अभाव में एक नामांकन संभव नहीं हुआ। नामांकन के दौरान भाजपा नेता भंवरलाल भट्ट, मण्डल अध्यक्ष भगवती लाल शर्मा, जिला प्रभारी दिनेश जोशी , गिरधारी लाल सोनी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
इधर, राजनीतिक गलियारों में बुधवार का दिन भाजपा के धुरंधरों के बीच भी चर्चित रहा। धुरविरोधी मानने वाले भाजपाइयों ने जनता सेना के समर्थन में जाने की बजाय विपक्ष में बैठने की हामी भर ली। ऐसे में पूरा माहौल जनता सेना के विरोध में दिखाई दे रहा है। वहीं वरिष्ठ राजनीतिज्ञ क्षेत्र के विकास को लेकर भाजपा और जनता सेना के विलय होने की उम्मीद जता रहे हैं।
इधर, जनता सेना की ओर से अध्यक्ष पद के लिए हीरा कुमारी के नाम से नामांकन दाखिल कराया जाएगा। वार्ड से चुनाव हारी प्रत्याशी को संगठन की ओर से मौका मिलेगा। इससे पहले सभी की सहमति जानने के लिए पूर्व विधायक भींडर ने हीरा कुमारी को लेकर अन्य पार्षदों की सहमति भी ली। nagar palika news बताया जाता है कि हर स्तर पर पार्षदों ने हीरा कुमारी के नाम पर सहमति जताई।