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दुर्गा पर ‘सेहरा, चंदा पर ‘पहरा और हीरा को बनाया ‘सितारा

locationउदयपुरPublished: Nov 21, 2019 11:21:22 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

nagar palika news कानोड़ की शहरी सरकार के अध्यक्षों के नाम पर लगा ताला, जनता सेना को मतदान चिन्ह के नाम पर मिलेगी चाबी, चर्चा में भाजपा और जनता सेना का मनमुटाव, जनता सेना सुप्रीमो बोले भाजपा में जाने की छटपटाहट नहीं

दुर्गा पर 'सेहरा, चंदा पर 'पहरा और हीरा को बनाया 'सितारा

दुर्गा पर ‘सेहरा, चंदा पर ‘पहरा और हीरा को बनाया ‘सितारा

उदयपुर/ कानोड़. nagar palika news कानोड़ की शहरी सरकार का ‘ताजÓ कांटों से घिरता जा रहा है। राजनीतिक दलों की दूरियां खाई बनती जा रही हैं। इससे राह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही। राजनीतिक दलों के बीच खींचतान अब सार्वजनिक हो रही है। गुरुवार को भी राजनीतिक दलों के बीच मनमुटाव को लेकर ऐसी ही गतिविधियां लोगों की जुबानी बनी रही। दूसरी ओर भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद कांग्रेस और जनता सेना ने भी इस अखाड़े में अध्यक्षीय दावेदारों के नामों की पेशकश की। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए दुर्गा पर दांव खेला है। वहीं कांग्रेस ने हीरा का नामांकन भराने के साथ बाड़ाबंदी में सख्ती कर दी है। जनता सेना भी खुद को बड़े राजनीतिक दलों की बराबरी में रखते हुए हाईब्रिड तरीके से चंदा को पार्टी का ‘सिताराÓ बनाने की रणनीति खेली है। इधर, रिटर्निंग अधिकारी शैलेश सुराणा के समक्ष गुरुवार को कांग्रेस और जनता सेना ने नामांकन दाखिल कराने की प्रक्रिया पूरी की। इसके साथ ही भाजपा और जनता सेना के बीच शब्दबाणों की बौछारे शुरू हो गई। भाजपा ने जनता सेना से आगे होकर समर्थन देने और गरज नहीं करने जैसी बातों को खुलेआम कर दिया। आग की तरह राजनीतिक गलियारों में फैली चर्चाओं के बाद जनता सेना का जवाब देना भी तय हुआ। सेना सुप्रीमो रणधीरसिंह भींडर ने दो टूक जवाब देकर भाजपा के सिपहसलारों को मौन कर दिया। उन्होंने कहा कि जनता सेना के पार्षदों को भाजपा में शामिल होने की छटपटाहट नहीं है। इधर, रिर्टनिंग अधिकारी की ओर से दोनों बड़े राजनीतिक दलों के सिंबोल को ‘लॉकÓ करने के साथ ही जनता सेना को ‘चाबीÓ का सिंबोल दी जाने वाली पेशकश को स्वीकार किया। हालांकि, सिंबोल आवंटन की प्रक्रिया पूरी होना अभी शेष है।
जनता सेना के हाथ में ‘चाबीÓ
कानोड़ नगर पालिका में बोर्ड बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा ने नामांकन भले ही दाखिल कर दिए हो, लेकिन बराबरी की वोटिंग में अटके पार्षदों के भरोसे दोनों ही दल शहरी सरकार बनाने में असमर्थ हैं। ऐसे में निर्दलीय के तौर पर तीसरी पार्टी जनता सेना के पास छह सीटों का बहुमत है, जो कि किसी बड़े संगठन के साथ मिलकर सरकार बनाने में सफल हो सकती है। वोटिंग सिंबोल को लेकर जब कांग्रेस और भाजपा को उनका पार्टी चिन्ह देने की कवायद हुई तो जनता सेना ने बिना देर लगाए उनके सिंबोल के तौर पर चाबी मांगी। चूंकि अन्य कोई निर्दलीय दावेदार नहीं है। ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर जनता सेना को चाबी का अलोटमेंट करना एक स्वस्थ प्रक्रिया होगी। अब देखना है कि बल्ले के भरोसे मैदान में मेहनत करने वाली जनता सेना चाबी के भरोसे किसके भाग्य का ताला खोलेगी। चुनाव चिन्ह का विधिवत आवेदन 23 अक्टूबर को होगा।
मजबूरी में लॉटरी
निर्वाचन विभाग की ओर से कांग्रेस, भाजपा और निर्दलीय दल के तौर पर जनता सेना को अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग का मौका दिया जाएगा। वहां भी अगर, कांग्रेस और भाजपा के पार्षद वोटिंग समीकरण के हिसाब से सात-सात और जनता दल के छह पार्षद ही सामने आते हैं तो विभाग की ओर से शहरी सरकार बनाने के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। अंत में लॉटरी के माध्यम से ही सरताज का भविष्य तय होगा। देखना यह होगा कि भाग्य आजमाने से पहले जनता सेना में पहले सेंधमारी करने में कौन सफल होता है।
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सबकी नजरें टिकी
भाजपा और कांग्रेस नेताओं की ओर से नगर पालिका कार्यालय पहुंचकर चुनाव चिन्ह दिया गया। आवंटन को लेकर उच्चाधिकारियों से संपर्क भी किया। वहीं जनता सेना की ओर से भी शिरकत हुई। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में लोगों की आंखें तीनों राजनीतिक दलों में नजदीकियां देखने पर टिकी रही। यहां भी पहले की तरह कांग्रेस और भाजपा के नेता तो आपस में एक-दूसरे के नजदीक दिखाई दिए, लेकिन जनता सेना के प्रतिनिधियों की दूरियां चर्चा में बनी रही। हालांकि, लोगों की अटकलों के बीच जनता सेना सुप्रीमो रणधीरसिंह और भाजपा नेता उदयलाल डांगी ने लोगों की सभी अटकलों को खारिज कर दिया।
बंद कमरे में गुफ्तगू
एक ओर अधिकारी नामांकन दाखिले को लेकर व्यस्त थे। वहीं दूसरी ओर भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष भंवरसिंह पंवार, उदयलाल, नगर पालिकाध्यक्ष अनिल शर्मा तथा कांग्रेस विधायक के करीबी माने जाने वाले बाबूलाल नागौरी के बीच लंबी देर तक हुई बातचीत नई राजनीति को हवा देती रही। करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में भाजपा प्रतिनिधियों की नागौरी के साथ गुफ्तगू चली। इससे पहले दोनों ही दलों के प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाकर एक-दूसरे की अगवानी की। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सूरजमल मेनारिया भी नगर पालिका परिसर में दूरभाष पर लंबी चर्चा में व्यस्त रहे।
26 को अध्यक्ष, 27 को उपाध्यक्ष
रिटर्निंग अधिकारी शैलेश सुराणा ने बताया कि तीनों ही राजनीतिक दलों की ओर से तीन नामांकन दाखिल किए गए हैं। 23 नवम्बर को दिन में नामांकन समीक्षा के साथ ही नाम वापसी हो सकेगी। देर शाम को तय समय में चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाएगा। इसके बाद 26 नवंबर को अध्यक्ष चुना जाएगा, जबकि 27 नवम्बर को उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया होगी।

इसलिए बनी हुई है टसक
धुरविरोधी राजनीतिक संगठन भाजपा और कांग्रेस के साथ जनता सेना का आगे होकर मेलमिलाप नहीं होने की एक वजह आगामी दिनों में प्रस्तावित पंचायती राज चुनाव है। ऐसे में हर संगठन आगामी दृष्टिकोण के साथ दूसरे के सामने झुकने और मनाने में झिझक रहा है। पार्टी के जानकारों को लगता है कि संगठन स्तर पर हाथ मिलाने का नतीजा उन्हें आगामी चुनाव में दुष्परिणाम के तौर पर देखने को मिल सकता है। शायद इसलिए ही धुरविरोधी मुखौटे वाली कांग्रेस और भाजपा, भाजपा और जनता सेना के बीच तालमेल के समीकरण गड़बड़ाते दिख रहे हैं। इसकी वजह साफ है कि भींडर पंचायत समिति भाजपा व कांग्रेस ने मिलकर बोर्ड बनाया था। वहीं कांग्रेस के प्रधान को पदच्युत करने के लिए कांग्रेस ने जनता का सहयोग किया था।
इनकी रही मौजूदगी
नामांकन दाखिले के दौरान पूर्व प्रधान करण सिंह कोठारी, नगर कांग्रेस अध्यक्ष सुनील शर्मा, आकोला सरपंच दिनेश चौधरी, कांग्रेस यूथ लोकसभा महासचिव दुर्गेश मेनारिया, नेता प्रतिपक्ष दिलीप सिंह सोलंकी, पार्षद गोपाल खटीक , मनोज कोठारी, सुरेन्द्र मुर्डिया , पुरण चौबीसा तथा भाजपा से देहात जिला अध्यक्ष पंवार, वल्लभनगर भाजपा प्रभारी डांगी, नगर पालिकाध्यक्ष शर्मा , मण्डल महामंत्री जम्बू धींग तो जनता सेना के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर के साथ ही युवा नेता प्रणवीर सिंह भीण्डर , पूर्व मण्डल अध्यक्ष रतनलाल लक्षकार , अरुण भानावत , महामंत्री मुकेश चौबीसा, पार्षद पारस नागौरी, कोमल चौधरी , भवानी सिंह चौहान , कोमल कामरिया , बजरंगदास वैष्णव , चेतन सिंह भाटी एवं अन्य मौजूद थे।
हमें नहीं छटपटाहट
भाजपा नेता डांगी सहित अन्य भाजपाई जिस तरह से बयान दे रहे कि विकास के लिए कोई हमें समर्थन करें तो एतराज नहीं है। इस पर हमारा जवाब है कि वोट कहीं रास्ते में नहीं पड़े हैं, जो दे देंगे। हमें भाजपा का समर्थन देने और उनके मिलने की कोई छटपटाहट नहीं है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ शिवसेना हो सकती है तो हम तो निर्दलीय हैं। चूंकि हमारी विचारधारा भाजपा से मिलती है। इसलिए हमने कहा था कि न्योता मिलता है तो पहला मौका हम भाजपा को देंगे। लेकिन, ये तय है कि कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाएंगे। जनता ने सभी को बराबर जनादेश दिया है। किसी के पास बहुमत नहीं है। हमारे पास छह वोट है।
रणधीरसिंह भींडर, जनता सेना सुप्रीमो
कोई आ जाए
चेयरमैन के लिए नामांकन दाखिल किया है। प्रयास हैं कि कोई पार्षद टूटकर हमारे साथ आ जाए। हमने किसी पार्टी से संपर्क नहीं किया है। पार्षदों से संपर्क की कोशिश की है। इस उम्मीद से कि विकास की विचारधारा में कोई साथ आ जाए। nagar palika news जनता सेना को साथ लेने या देने का कोई विचार नहीं किया है।
उदयलाल डांगी , भाजपा वल्लभनगर विधानसभा प्रभारी
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