6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नवरात्र 2018 : इस बार घट स्थापना का मुहूूर्त समय कम , इस अद्धभुत संंयोग में करेंं स्थापना पूजा

www.patrika.com/rajasthan-news

3 min read
Google source verification
meerut

Navratri 2018: नौ दिन मां की एेसे करें पूजा आैर एेसे रखें व्रत

उमेश मेनारिया/ मेनार. बुधवार से शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ हो रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि का शुभारंभ होगा जो नवमी तक चलेगा । कही गरबा तो कही भजन कीर्तन संध्या का आयोजन होगा । इन नौ दिनों में माता के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी । मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री और घट स्थापना के साथ कलश स्थापना की जायेगी। इस बार स्थापना मुहर्त के लिए समय कम है । नवरात्रि के आखिरी यानि 10 वें दिन कन्या पूजन होगा 9 कन्याओं को भोजन करवाकर फिर उपवास खोला जाता है 19 अक्‍टूबर को दुर्गा विसर्जन और विजयदशमी का त्‍योहार मनाया जाएगा। प्रसिद्ध शक्तिपीठ अम्बे माता मन्दिर में इस बार मातेश्वरी शक्ति मंच मेनार के तत्वाधान में विविध आयोजन होंगे । 10 एवम् 11 अक्टूबर को लाइव गरबा डांस होगा तो 12 अक्टूबर को जैसलमेर के कलाकार उदय एंड पार्टी द्वारा भवाई नृत्य होगा । 13 , 14 ,15 अक्टूबर को गरबा डांडिया होगा वही 16 अक्टूबर को गुजरात की प्रसिद्ध भजन गायिका आशा वैष्णव एंड पार्टी द्वारा विशाल भजन संध्या एवम लाइव गरबा डांस होगा । 17 अक्टूबर अष्ठमी को भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी । देर शाम स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्य्रक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे । इधर थम्भ चोक के यहां मातेश्वरी नवयुवक मंडल के तत्वाधान में गरबा डांस होगा । हिंदु धर्म मे शारदीय नवरात्रि का अधिक महत्व हिन्दू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। पूरे वर्ष में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। इसके अलावा आषाढ़ और माघ महीने में गुप्त नवरात्रि आते हैं। लेकिन सिद्धि साधना के लिए शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।

READ MORE : video : नवरात्र स्‍थापना से पूर्व भव्य रोशनी से नहाया मेनार का अम्बे माता मन्दिर , पांडाल बनाने बंगाल से आए कारीगर

घट स्थापना एवंं मुहूूर्त इस प्रकार रहेगा

पंडित अम्बा लाल शर्मा ने बताया कि नो दिनों तक तिथियां इस प्रकार रहेगी शारदीय नवरात्रि में हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। नवरात्रि के 9 दिन बहुत शुभ होते हैं इसमें किसी विशेष कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। इन खास दिनों पर लोग गृह प्रवेश और नई गाड़ियों की खरीददारी करते हैं। इस बार नवरात्रि घट-स्थापना के लिए बहुतही कम समय प्राप्त हो रहा है। केवल एक घंटा दो मिनट के अंदर ही घट स्थापना की जा सकती है अन्यथा प्रतिपदा के स्थान पर द्वितीया को घट स्थापना होगी। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा। 10 अक्तूबर- प्रात: 6.22 से 7.25 मिनट तक रहेगा । यह समय कन्या और तुला का संधिकाल होगा जो देवी पूजन की घट स्थापना के लिए अतिश्रेष्ठ है। ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 4.39 से 7.25 बजे तक का समय भी श्रेष्ठ है। 7.26 बजे से द्वितीया तिथि का प्रारम्भ हो जाएगा । यदि किन्हीं कारणों से प्रतिपदा के दिन सवेरे 6.22 से 7.25 मिनट तक घट स्थापना नहीं कर पाते हैं तो अभिजीत मुहूर्त में 11.36 से 12.24 बजे तक घट स्थापना कर सकते हैं। लेकिन यह घट स्थापना द्वितीया में ही मानी जाएगी। प्रतिपदा तिथि का आरंभ 9 अक्टूबर 2018, मंगलवार 09:16 बजे आरम्भ होगा जो प्रतिपदा तिथि 10 अक्टूबर 2018, बुधवार 07:25 बजे समाप्त होगा । नवरात्र की तिथियां इस प्रकार रहेगी प्रतिपदा / द्वितीया - 10 अक्तूबर - माँ शैलपुत्री माँ ब्रह्मचारिणी तृतीया - 11 अक्तूबर - माँ चन्द्रघण्टा चतुर्थी - 12 अक्तूबर - माँ कुष्मांडा पंचमी - 13 अक्टूबर - माँ स्कंदमाता पंचमी - 14 अक्तूबर - माँ स्कंदमाता षष्टी - 15 अक्तूबर - माँ कात्यायनी सप्तमी - 16 अक्तूबर - माँ कालरात्रि अष्टमी - 17 अक्तूबर - माँ महागौरी (दुर्गा अष्टमी) नवमी - 18 अक्तूबर - माँ सिद्धिदात्री (महानवमी) दशमी- 19 अक्तूबर- विजय दशमी (दशहरा)