12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उदयपुर में नेटबंदी को लेकर सोशल मीड‍िया पर द‍िखा लोगों का गुस्‍सा…बोले.. जैमर लगा देते, प्रशासन का सिस्टम फेल हो गया, चलो शांति तो मिलेगी….

- कांस्टेबल परीक्षा से नेटबंदी होने से पहले लोगों ने सोशल मीडिया पर एेसे लिखे कमेंट

2 min read
Google source verification
rajasthan police constable bharti

जैमर लगा देते, प्रशासन का सिस्टम फेल हो गया, चलो शांति तो मिलेगी....

मुकेश हिंगड़ /उदयपुर. कानून व्यवस्था बिगडऩे की स्थिति में नेटबंदी होने का दंश भुगत चुके लोगों में उस समय भी बहुत गुस्सा था लेकिन फिर भी शांति बनी रहे तो साथ भी दिया लेकिन अब जब कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में नकल से बचने के लिए दो दिन इन्टरनेट बंद करने का निर्णय जनता के गले नहीं उतर रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैंं। नेटबंदी से पहले सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा निकाला है, लोगों ने सरकार व अफसरों पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि थोड़ा तो दीमाग लगाते, ये कैसे निर्णय कर लेते। जिस इन्टरनेट पर छोटी दुकानदार, बड़े शोरूम वाले और सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में काम होते है वे सब रुक जाते है। कारोबार से लेकर ऑनलाइन सुविधाएं सब बंद हो जाती है। लोगों ने एेसे-वैसे कमेंट लिखकर सरकार व अफसरों को आड़े हाथे लिया, लिखा कि अरे जितने परीक्षा केन्द्र उतने जैमर ही लगा देते सबको क्यों परेशान कर रहे हैैैं।

READ MORE : पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा : उदयपुर में 8 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी एग्जाम देने पहुंचे

सोशल मीडिया पर ये लिखा लोगों ने

- नकल कराने वाला गिरोह सरकार व पुलिस पर भारी है, बिचारों ने अपनी जान बचाने के लिए जनता के मोबाइल पर नेटबंदी कर बड़ा किला जीत लिया है।

-मोदी सरकार ने डिजीटल और कैशलेश को बढ़ावा दिया है तो लोग सारा काम लेपटॉप और मोबाइल पर करने लगे है और ऊपर से आए दिन बात-बात पर नेटबंदी करके ये अफसर क्या कर रहे है, क्या इसका रास्ता भी पीएम निकालेगा क्या?

- अपना सिस्टम फेल हो गया तो कानून व्यवस्था वालों के लिए

- क्या नेट बंद है इसके खिलाफ जनहित याचिका लगाई जाए।

- जिस पुलिस के हाथ में कानून व्यवस्था जाने वाली है, वे परीक्षा में चीटिंग ना करें इसलिए एक विकसित देश के स्मार्ट शहरों में इन्टरनेट बंद रहेगा, वाह क्या बात है।

- आईएएस, आईपीएस बनने वालों में बहुत दीमाग होता है फिर ये एेसे विकल्प निकालते है तो फिर उनकी पढ़ाई और अनुभव का क्या फायदा जनता को मिल रहा है, नेटबंदी को लेकर कोई रास्ता निकालना चाहिए।

- एेसे परीक्षा केन्द्रों पर जैमर लगा देता, लाखों लोगों को क्यों प्रभावित कर रहे है नेटबंदी कर के।

- इससे पता चलता है कि प्रशासन को अपनी व्यवस्थाओं पर भरोसा नहीं है।

- इसका मतलब तो यह हो गया कि रोज कोई परीक्षा होगी तो एेसे ही प्रशासन मोबाइल सेवाएं बंद कर परेशान करेंगे।

- प्रशासन का आभार, जिन्होंने दो दिन के लिए इन्टरनेट सुविधा बर्खास्त करी, इसकी वजह से ये दो दिन हम अपने परिवार को पूर्णयता समर्पित कर सकते है।