कुछ दूरी पर हुए हमले पैंथर की प्रकृति को लेकर एक विशेष बात सामने आई कि उसने सोमवार को करमेलिया वन खण्ड में मायाखेड़ी के समीप गाय पर हमला किया था। उसके ठीक ५ दिन बाद पैंथर ने एक बार फिर उसी क्षेत्र में दूसरी गाय को मारा है। आबादी इलाके से महज दो से तीन किमी दूरी पर हुए हमले को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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क्षेत्रीय वन अधिकारी एवं अन्य वन कार्मिकों की मानें तो आदमखोर पैंथर की गतिविधियों एवं लगातार जारी हमले को लेकर चार दिन पहले विभाग स्तर पर मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जयपुर को प्रस्ताव पेश कर पैंथर को शूट करने की अनुमति मांगी गई है। उसे ट्रेंकूलाइज कर कब्जे में लेने की भी रणनीति पर गौर किया जा रहा है। फिलहाल मामले को लेकर जयपुर मुख्यालय को कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
क्षेत्रीय वन अधिकारी एवं अन्य वन कार्मिकों की मानें तो आदमखोर पैंथर की गतिविधियों एवं लगातार जारी हमले को लेकर चार दिन पहले विभाग स्तर पर मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जयपुर को प्रस्ताव पेश कर पैंथर को शूट करने की अनुमति मांगी गई है। उसे ट्रेंकूलाइज कर कब्जे में लेने की भी रणनीति पर गौर किया जा रहा है। फिलहाल मामले को लेकर जयपुर मुख्यालय को कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
बदली पिंजरे व कैमरों की दिशा प्रयासों के तहत ही वनविभाग ने एक बार फिर व्यवस्था में बदलाव किया है। विभाग की ओर से अलग-अलग जगहों पर ५ पिंजरे व १० ड्रेप कैमरे लगाए गए हैं। लांबीकलम एवं मायाखेड़ी जंगल के बीच २ किलोमीटर पश्चिम दिशा में एक पिंजरा और लगाया गया है। साथ ही ड्रेप कैमरे को भी जगह दी गई है।