
PATRIKA IMPACT: 6 माह से भटक रहीं थी महिला, नहीं था कोई सुनने वाला, पत्रिका ने उठाया मुद्दा तो मिला न्याय
मावली (निप्र). मावली तहसील क्षेत्र की मोरठ ग्राम पंचायत के भुमलावास गांव में लगभग 6 माह से प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त के लिए भटक रही महिला को आखिर न्याय मिल गया।
भुमलावास निवासी कमला बाई पत्नी हुक्मीचंद भील का प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चयन किया गया था। उसके नाम पर आवास की स्वीकृति हुई।
कमला बाई को प्रथम किस्त के रूप में 30 हजार रुपए भी आवंटित हुए। इस राशि से मकान का कार्य छत लेवल तक पूरा हुआ। इस कार्य का फोटो पंचायत में जमा कराने के बाद मावली पंचायत समिति की ओर से अगस्त 2017 को 60 हजार रुपए की किस्त आवंटित हुई थी मगर किस्त का भुगतान खाते में नहीं हुआ। इसे महिला ने पति के साथ मोरठ ग्राम पंचायत के भी कई बार चक्कर काटे। सचिव मांगीलाल कुम्हार ने कहा कि कमला बाई का खाता जनधन योजना के अंतर्गत खोला गया है।
नियमानुसार इस खाते में केवल 50 हजार तक ही जमा कराया जा सकता है। खाते की लिमिट बढ़ाने को कहा गया। कमला बाई एसबीआई सनवाड़ शाखा पहुंची तो बैंककर्मियों ने कमलाबाई के खाते की लिमिट नहीं बढ़ाकर नया खाता खोल दिया। अब कमला बाई अपना नये खाते की खाता संख्या सचिव को देने पहुंची, तो सचिव ने खाता संख्या लेने से मना करते हुये पुराने खाते की ही लिमिट बढ़ाने की बात कही। इधर, बैंक ने जनधन खाते की लिमिट बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया, जबकि सचिव पुराने खाते की लिमिट बढ़ाने की बात पर अड़ा था।
यह किए प्रयास
इस मामले को लेकर कमला बाई एवं उसके पति ने जिला परिषद् में भी न्याय की गुहार लगाई। जहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जुड़े खाता संख्या को चेंज करवाने की ही बात कही गई। प्रार्थी कमला बाई ने मावली पंचायत समिति के कई चक्कर काटे। समस्या का समाधान नहीं होने पर 12 दिसंबर 2017 को इस सम्बंध में राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करवाई।
आखिर मिला न्याय
राजस्थान पत्रिका ने समय समय पर खबर प्रकाशित कर ग्राम पंचायत एवं सम्बंधित विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। राजस्थान पत्रिका के 23 नवम्बर 2017 के अंक में ‘आवास की दूसरी किस्त के लिए भटकती महिला’ शीर्षक से खबर प्रकाशित होने पर विभाग ने कार्रवाई की। इस पर महिला को न्याय मिल पाया।
Published on:
20 May 2018 12:09 pm
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