नगर निगम को इसके बाद भी ठेकेदार की लगातार शिकायतें मिल रही थी तो आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग ने इसे गंभीरता से लिया और निगम ने अपने स्तर पर स्टिंग किया और सामने आया कि गड़बड़ी हो रही है। आयुक्त के निर्देश पर निगम के राजस्व अधिकारी संदीप दाधीच ने राजस्व निरीक्षक से शिकायत का भौतिक सत्यापन कराया था जिसमें सामने आया कि ठेकेदार निर्धारित दरों से अधिक राशि ग्राहकों से वसूल रहा है तथा पार्किंग की रसीद भी नहीं दे रहा है।
आयुक्त सिहाग ने ठेकेदार पर शर्तों का उल्लंघन करने पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए चेताया कि भविष्य में अनियमितताएं सामने आई तो पीजी राशि व धरोहर राशि जब्त कर लाइसेंस ही निरस्त कर दिया जाएगा और पुलिस में रिपोर्ट अलग से देंगे। मामले में नगर निगम ने भूपालपुरा पुलिस को भी ठेकेदार के खिलाफ नगर निगम ने रिपोर्ट दी थी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की थी।
READ MORE: खुशखबरी!! अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आठवीं पास होना जरूरी नहीं, जानें और क्या बदलाव आया है नियमों में पत्रिका ने ऐसे उठाया था मामला पत्रिका के पास लेकसिटी मॉल में आने वाली महिलाओं ने शिकायत की थी कि ठेकेदार दुपहिया वाहन के दस की बजाय पांच रुपए ले रहा। साथ ही रसीद भी नहीं देता और वहां राशि के बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं। पत्रिका ने पड़ताल कर ‘नगर निगम की रसीद पर स्याही पोत अवैध वसूली’ तथा ‘खूब बनाया बहाना, हवा से उड़ गया पार्किंग शुल्क का बोर्ड’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे।
कई जगह है पार्किंग में मनमर्जी का खेल शहर में नगर निगम के कई पार्किंग स्थलों पर मनमर्जी चल रही है। देहलीगेट क्षेत्र में भी पूर्व में तय दर से ज्यादा वसूली करने की कई शिकायतें आई। इसी प्रकार दूधतलाई पर तो पार्किंग ठेकेदार ने अपनी सीमा छोडकऱ नीचे मुख्य सडक़ पर आकर पार्किंग शुल्क वसूलने लगा। इसकी शिकायत क्षेत्रीय पार्षद राशिद खान ने भी नगर निगम को की थी। इसी प्रकार कई अन्य पार्किंग स्थलों पर तय दर से ज्यादा राशि वसूलने, पार्किंग शुल्क के बोर्ड नहीं लगाने तथा लोगों से दुव्र्यवहार करने की शिकायतें आती रहती हैं।