30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कम बाल वाले पेट्स और नवजात पपी को ठंड में विशेष देखभाल की जरूरत

उदयपुर और नवानिया अस्पताल में सर्दी की चपेट में आए 8 से 10 पेट्स का प्रतिदिन हो रहा उपचार

2 min read
Google source verification
कम बाल वाले पेट्स और नवजात पपी को ठंड में विशेष देखभाल की जरूरत

कम बाल वाले पेट्स और नवजात पपी को ठंड में विशेष देखभाल की जरूरत

उदयपुर. सर्दियों के मौसम में पेट्स (डॉग्स, कैट्स) को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। ठंड की चपेट में आने से पेट्स को कई प्रकार की बीमारियां होने का खतरा पैदा हो जाता है। इनसे मल्टीपल ऑर्गन फैल होने तक का खतरा होता है। अन्य पेट्स के साथ कम बाल वाले और नवजात पपी को सर्दी से बचाना बेहद जरूरी होता है।
पषुपालन प्रशिक्षण संस्थान के डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने बताया कि सर्दी के मौसम में पेट्स के रोग ग्रस्त होने की संभावना अत्यधिक रहती है। उदयपुर और नवानिया िस्थत अस्पताल में प्रतिदिन 8 से 10 पेट्स सर्दी से होने वाली बीमारियों से ग्रसित होकर पहुंच रहे हैं। जिन पेट्स के विभिन्न बीमारियों से बचाव का टीका नहीं लगा है। उनमें फेटल डिजिज होने का खतरा बढ़ जाता है। पेट में कृमि आदि की समस्या भी इस मौसम में अधिक रहती है। कम बाल वाले, टायजब्रिड और नवजात पपी को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इन्हें बंद कमरे में रखने के साथ ही ठंडी हवाओं से भी बचाना चाहिए। इस मौसम में इनकी विशेष केयर करने की जरूरत होती है। इसके बावजूद पेट्स में उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सकों को दिखाना चाहिए।
ये बीमारियां हो सकती है : ठंड से पेट्स को उल्टी, दस्त, पार्वो, एडिनो टाइप-2, कोराना, एंटोरोटॉक्सीन, गेस्ट्रोइंट्राइटिस आदि समस्याएं हो सकती है।

यह खिलाना चाहिए पेट्स को
डॉ. छंगाणी ने बताया कि इस मौसम में श्वान के आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्हें फिश सप्लीमेंट, शाकाहारी लोग अधिक से अधिक हरी सब्जियां खिलाये, उनके आसपास कैल्शियम बोन रखना भी लाभदायक रहता है।

यह रखे सावधानी
- रात को श्वान के सोने का स्थान घर के अन्दर बनाए।
- उनका बिछावन (बेडिंग) अच्छा हो एवं सुबह धूप निकलने तक श्वान को कपडे से ढंकना चाहिए।

- इस मौसम में पेट्स को रूसी होने की संभावना रहती है। इसके बचाव के लिए सुबह और शाम को दो बार कंघी करें।

- पेट्स को नहलाने के बाद धूप में अच्छी तरह सुखायें।

- पेट्स को नियमित डिवर्मिंग कराने एवं समय पर टीके लगवाकर उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी चाहिए।


बड़ी खबरें

View All

उदयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग