
केरल में निपाह वायरस के संक्रमण से फिलहाल देश के अन्य हिस्से महफूज है औैर इसका कोई असर नहीं है, लेकिन इसे लेकर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक सतर्क हो गए हैं।

चिकित्सकों की बैठक में विचार-विमर्श हुआ कि यदि इस वायरस से संक्रमित कोई मरीज आता है, तो उसे कैसे समय पर उपचार देना है।

विशेष प्रकार के चमगादड़ों से फैलने वाला यह वायरस बेहद खतरनाक है।

उदयपुर शहर में गुलाबबाग, समोरबाग, दूधतलाई एवं एमबी चिकित्सालय परिसर क्षेत्र में बहुतायत में चमगादड़ है, लेकिन चिकित्सा विभाग इसे उन प्रजाति के चमगादड़ नहीं बता रहा है, जिसने केरल में कहर बरपाया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस एक नया उभरता हुआ जूनोसिस है जो जानवरों और मनुष्यों दोनों में गंभीर बीमारी का कारण बनता है।

यह वायरस पहली बार 1998 में मलेशिया और सिंगापुर में सामने आया।


तब यह मुख्य रूप से सूअरों में होता था और उनके माध्यम से मनुष्यों में पहुंचा।


तब निपाह वायरस ने 265 लोगों को संक्रमित किया, जिनमें से 40 प्रतिशत गंभीर रूप से संक्रमितों को गहन देखभाल में रखा गया था।