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पोक्सो : पोक्सो मामलों की राजधानी जयपुर, प्रदेश में चार साल में झूठे निकले 269 प्रकरण

- नाबालिग बच्चियों के साथ बढे़ अपराध - झूठे केस दर्ज करवाने वालों पर एफआईआर

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नाबालिग बच्चियों के साथ बढे़ अपराध

भुवनेश पंड्या

उदयपुर . प्रदेश में नाबालिग बच्चियों के साथ अपराध तेजी से बढ़े हैं। इतना ही नहीं इन अपराधों पर कार्रवाई तो हुई है, लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए, जो झूठे थे। गलत मामले दर्ज करवाने वालों को पुलिस कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा। प्रदेश में बीते चार वर्ष में करीब 15 हजार मामले पोक्सो के दर्ज हुए, इनमें 269 झूठे निकले। दुखद पहलू ये है कि जहां पूरी सरकार बैठती है, आला अफसर बैठते हैं, सुरक्षा कड़ी है तो कानून व्यवस्था भी सख्त है, वही प्रदेश की राजधानी ऐसे अपराधों में सर्वाधिक शर्मसार हुई है। जयपुर में प्रदेश के सबसे ज्यादा केस दर्ज हुए हैं।

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पोक्सो मामलों का अंक गणित- प्रदेश में 01 जनवरी 2019 से नवम्बर 2022 तक नाबालिग बच्चों के साथ यौन अपराध के पोक्सो एक्ट में 14854 प्रकरण दर्ज हुए हैं।

- इनमें से 3352 प्रकरणों में नकारात्मक अन्तिम प्रतिवेदन (एफआर) दी गई है।- जिन प्रकरणों में नकारात्मक अन्तिम प्रतिवेदन (एफआर) दी गई, उनके दर्ज कराने वाले किसी भी फरियादी के विरुद्ध कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।

- पोक्सो एक्ट के तहत झूठे मुकदमे दर्ज कराने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध 269 इस्तगासे संबंधित न्यायालयों में कार्रवाई के लिए पेश किए गए।

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बडे जिलों के हाल

जिला - दर्ज मामले- चालान- एफआर

उदयपुर - 492- 411- 66

जयपुर - 1337- 989- 297

कोटा - 705- 609- 86

बीकानेर- 491- 387- 92

अजमेर - 486- 342- 132

जोधपुर - 784- 620- 159

भरतपुर - 644- 363- 274

नोट - ये आंकडे 01 जनवरी 2019 से नवम्बर 2022 तक के हैं।

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पोक्सो मामलों का अंक गणित- प्रदेश में 01 जनवरी 2019 से नवम्बर 2022 तक नाबालिग बच्चों के साथ यौन अपराध के पोक्सो एक्ट में 14854 प्रकरण दर्ज हुए हैं।

- इनमें से 3352 प्रकरणों में नकारात्मक अन्तिम प्रतिवेदन (एफआर) दी गई है।- जिन प्रकरणों में नकारात्मक अन्तिम प्रतिवेदन (एफआर) दी गई, उनके दर्ज कराने वाले किसी भी फरियादी के विरुद्ध कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।

- पोक्सो एक्ट के तहत झूठे मुकदमे दर्ज कराने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध 269 इस्तगासे संबंधित न्यायालयों में कार्रवाई के लिए पेश किए गए।