
बारिश की फाइल फोटो (सोर्स:ANI)
Weather Alert: गर्मी के सबसे अहम 9 दिन यानि नौतपा की शुरुआत रविवार को हुई। पिछले दिनों बरसात से गिरे तापमान में बढ़ोतरी हुई ही थी कि सोमवार शाम को फिर हुई बरसात ने मानो नौतपा का मुंह धो दिया। आगामी 5-7 दिनों में भी प्री-मानसून की बरसात होने का पूर्वानुमान लगा रखा है। लिहाजा नौतपा का असर आगामी दिनों में भी ज्यादा नहीं रहने की संभावना बनी है। एक दिन पहले ही तापमान बढ़कर 42 डिग्री पार हुआ था कि फिर से 3.6 डिग्री तक गिर गया।
रविवार को सुबह से धूप तीखी रही और उमस ने खूब पसीना छुड़ाया। शाम होते-होते आसमान में बादल घिर आए और शहर सहित जिले में कुछ जगहों पर हल्की बरसात हुई। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री और न्यूनतम 27.4 डिग्री दर्ज किया गया। एक दिन पहले शनिवार को अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री और न्यूनतम 27.4 डिग्री रहा था। लिहाजा रात के पारे में बदलाव नहीं आया, लेकिन दिन का पारा 3.6 डिग्री गिरा। ऐसे में एक बार फिर दिन का पारा सामान्य से नीचे दर्ज किया गया।
उत्तर-पश्चिम एवं पूर्वी राजस्थान में मेघगर्जना के साथ कहीं कहीं धूल भरी हवाओं का दौर रहेगा। पिछले 24 घंटों के दौरान हुए आंधी बरसात के कारण अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट दर्ज होगी। सोमवार से फिर तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होने की संभावना है। आगामी 4-5 दिन प्रदेश के कुछ भागों में शाम के समय तेज मेघ गर्जना के साथ आंधी बरसात की संभावना है।
नौतपा दो शब्दों से मिलकर बना है। ’’नौ’’ यानी नौ दिन और ’’तपा’’ यानी तपन। इस अवधि में सूर्य सबसे तीव्र और प्रचंड रूप में तपता है, जिससे भीषण गर्मी होती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह समय आता है, जब सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करता है। रोहिणी नक्षत्र के साथ जुड़ता है। कई जगहों पर तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है।
ज्योतिषीय कारण: सूर्य जब वृषभ राशि में प्रवेश कर रोहिणी नक्षत्र में आता है, तब यह नक्षत्र सूर्य की तीव्रता को और अधिक बढ़ा देता है। रोहिणी नक्षत्र को सूर्य के लिए उच्च ताप देने वाला नक्षत्र माना जाता है। इसका प्रभाव 9 दिन तक तीव्र होता है, इसलिए इसे नौतपा कहते हैं।
नौ दिन का यह समय गर्मी के मौसम का शिखर होता है। सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर गिरती हैं, खासकर भारत के उत्तरी हिस्सों में। इस दौरान भूमध्य रेखा से सूर्य का झुकाव भारत की ओर होता है, जिससे तापमान बहुत अधिक हो जाता है।
संपन्न वर्षा की भविष्यवाणी: मान्यता है कि अगर नौतपा में अधिक गर्मी पड़ती है और बारिश नहीं होती तो आगे अच्छी बारिश होती है। इसे अधिक तपन यानि अच्छी वर्षा के सिद्धांत से जोड़ा जाता है।
धार्मिक अनुष्ठान: कई स्थानों पर लोग इस दौरान जल का दान, शीतल पेय, छाया, आम का पन्ना और लस्सी आदि का वितरण करते हैं। धार्मिक दृष्टि से यह समय शरीर को तपाने और आत्मा को शुद्ध करने के लिए भी माना जाता है।
पर्यावरणीय संतुलन: यह समय पेड़-पौधों और जीवों के लिए भी कठिन होता है, इसलिए पक्षियों को पानी देना, जानवरों की देखभाल करना, और पेड़ लगाना पुण्य माना जाता है।
● खूब पानी पिएं, हल्के और सूती कपड़े पहनें, छांव में रहें, दही, शरबत, नींबू पानी लें
● खाली पेट धूप में न निकलें, भारी भोजन न करें, शरीर को डीहाइड्रेट न होने दें, दोपहर में बाहर जाने से बचें
● इस साल मई के पहले सप्ताह से ही मौसमी बदलाव देखने को मिला। ऐसे में एक बारगी 43 डिग्री से ऊपर निकल चुका उदयपुर का तापमान मई में ज्यादातर समय 38 डिग्री के आसपास ही बना रहा।
● पिछले साल के नौतपा के पहले दिन की बात करें तो अधिकतम तापमान 43.8 और न्यूनतम 31.2 डिग्री दर्ज किया गया था। दिनभर बादल छाए रहे और उमस का माहौल ने भी खूब आहत किया था।
Updated on:
26 May 2025 12:15 pm
Published on:
26 May 2025 12:05 pm
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