—— कॉलेज में 250 सीटों के लिए जरूरी प्रोफेसर के पद रिक्त हैं। 150 सीटों के लिए निरीक्षण से ठीक पूर्व कॉलेज के आग्रह पर सरकार ने अलग-अलग कॉलेजों से जुगाड़ कर करीब सात प्रोफेसर लगाए थे। ये यहां नियमित रहेंगे या नहीं, यह फिलहाल अस्पष्ट है।
—- चार प्रकार के पद ये चाहिए ये नहीं: वर्तमान में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व डेमोस्ट्रेटर पदों पर कुल 180 शिक्षक लगे हुए हैं। 250 सीटों के लिए 15 से 20 चिकित्सा शिक्षक और चाहिए। उन्हें अलग-अलग पदों के अनुसार लगाना होगा। हालांकि जिन आधारभूत सुविधाओं एवं मरीजों की संख्या की जरूरत है, वे उपलब्ध हैं।
ये हैं एमसीआई के नियम
एमसीआई के नियमानुसार 250 सीटों के लिए क्षेत्र की आबादी 25 लाख से अधिक होनी चाहिए। उदयपुर जिले की आबादी 30 लाख 68 हजार 400 के करीब है। इसके अलावा कॉलेज पर संभाग के जिले और मध्यप्रदेश के कई जिलों के मरीज निर्भर हैं, जहां से प्रतिदिन तीन हजार पांच सौ से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। चिकित्सालय में पुस्तकालय, विद्यार्थियों, प्रशिक्षुओं, नर्सेज व अन्य स्टाफ के लिए छात्रावास होना जरूरी है।
एमसीआई के नियमानुसार 250 सीटों के लिए क्षेत्र की आबादी 25 लाख से अधिक होनी चाहिए। उदयपुर जिले की आबादी 30 लाख 68 हजार 400 के करीब है। इसके अलावा कॉलेज पर संभाग के जिले और मध्यप्रदेश के कई जिलों के मरीज निर्भर हैं, जहां से प्रतिदिन तीन हजार पांच सौ से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। चिकित्सालय में पुस्तकालय, विद्यार्थियों, प्रशिक्षुओं, नर्सेज व अन्य स्टाफ के लिए छात्रावास होना जरूरी है।
ये सुविधाएं भी अपेक्षित
– एडमिनिस्टे्रटिव ब्लॉक – कॉलेज काउंसिल
– सेन्ट्रल लाइब्रेरी – लेक्चर थियेटर – 650 विद्यार्थी क्षमता
– ऑडिटोरियम व एक्जामिनेशन हॉल – सेन्ट्रल फोटोग्राफिक सेक्शन
– सेन्ट्रल वर्कशॉप – एनिमल हाउस
– इंसीनरेटर
– एडमिनिस्टे्रटिव ब्लॉक – कॉलेज काउंसिल
– सेन्ट्रल लाइब्रेरी – लेक्चर थियेटर – 650 विद्यार्थी क्षमता
– ऑडिटोरियम व एक्जामिनेशन हॉल – सेन्ट्रल फोटोग्राफिक सेक्शन
– सेन्ट्रल वर्कशॉप – एनिमल हाउस
– इंसीनरेटर
– मेडिकल एजुकेशन किट
– इंटरकॉम नेटवर्क – प्ले ग्राउंड व जिम
– सेनिटेशन व वाटर सप्लाई – रूरल हैल्थ ट्रेनिंग सेंटर
– डिजिटल मिशन मोड प्रोजेक्ट के अनुसार हर विभाग के लिए अलग -अलग नियम बनाए गए हैं।
– इंटरकॉम नेटवर्क – प्ले ग्राउंड व जिम
– सेनिटेशन व वाटर सप्लाई – रूरल हैल्थ ट्रेनिंग सेंटर
– डिजिटल मिशन मोड प्रोजेक्ट के अनुसार हर विभाग के लिए अलग -अलग नियम बनाए गए हैं।
—– एक जुलाई तक सरकार के माध्यम से यह फाइल हम एमसीआई तक पहुंचाएंगे। जितने प्रोफेसर्स व अन्य पदों की हमें जरूरत है, वह यदि सरकार से हमें समय पर मिल जाएंगे तो 250 सीटें हमें मिल जाएंगी, क्योंकि सभी आधारभूत सुविधाएं हमारे पास उपलब्ध हैं। हमारे यहां जो मरीजों की संख्या है वह जरूरत से भी काफी अधिक है।
डॉ डीपी सिंह, प्राचार्य आरएनटी उदयपुर