महाराणा प्रताप की धरा… पीढिय़ां गुजरी नहीं थमा ‘वनवासियों’ का संघर्ष, पलायन को मजबूर
ऋषभदेव से रवाना होकर हाईवे पर चले तो खेरवाड़ा नाम का सूचना पट्ट न होने से हम आगे जाकर वापस आना पड़ा। बनजारिया में मिले सोहनलाल डामोर ने कहा कि खेरवाड़ा में आजादी से पहले जिले की छावनी थी। वर्तमान में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर एवं मेवाड़ भीलकोर बटालियन संचालित हो रही है। फिर भी सरकार ने खेरवाड़ा को जिला नहीं बनाया। कुछ साल पहले तक सरकारी बीएड कॉलेज था, उसको भी सरकार ने बंद कर दिया। बस स्टैण्ड पर व्यवसायी पारस जैन व चंदन डामोर बोले, खेरवाड़ा की सबसे बड़ी परेशानी कस्बे के बीच से हाईवे गुजरने की है। हाईवे पर हादसों में कई लोगों की जान जा चुकी है। इसलिए हाईवे पर एलिवेटेड रोड निकालने की जरूरत है। साथ ही गोदावरी बांध का विकास कर गांवों में समुचित पेयजल वितरण किया जाना चाहिए। स्थानीय लोग बोले, झांझरी व रानी बॉर्डर से शराब तस्करी हो रही है, उस पर लगाम लगनी चाहिए।
झीलनगरी मांगे एलिवेटेड रोड और मेट्रो ट्रेन, 50 साल के विजन
खेरवाड़ा की थाह लेने के बाद हम घोड़ी, कल्याणपुर गांव के रास्ते सलूम्बर पहुंचे। हाड़ी रानी की बलिदान भूमि सलूम्बर में रानी का राजमहल बना हुआ है। यहां चावंड गांव में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने अंतिम सांस ली थी, जहां पर निर्वाण स्थल व स्मारक बना हुआ है। इसलिए पर्यटन की दृष्टि से दोनों स्थलों का समुचित विकास होने की दरकार है। सरकार ने बजट घोषणा में चावंड में महाराणा प्रताप की जीवनी पर पैनोरमा बनाने की घोषणा की है और बाद में सलूम्बर को नया जिला बनाया। कस्बे के लोग खुश दिखाई दे रहे हैं। डाक बंगले के पास थड़ी पर बैठे लोगों से चर्चा शुरू की तो यह खुशी जुबां पर आई। नरेश असावरा बोले, सरकार ने सलूम्बर को जिला बना दिया, अब कोई शिकायत नहीं। सुरेशचंद्र बोले, क्षेत्र की जयसमंद झील में पानी की कोई कमी नहीं है, लेकिन जल वितरण व्यवस्था सही नहीं होने से कई गांवों को पेयजल संकट झेलना पड़ रहा है। बनोड़ा के भैरूलाल व श्यामलाल लखारा बोले, अब जिले के दर्जे के अनुसार अस्पताल का भी विस्तार होना चाहिए। ट्रैफिक की परेशानी के समाधान के लिए बस स्टैण्ड को बाहर शिफ्ट किया जाए और जिले के मापदंड से कस्बे का सुनियोजित विकास होना चाहिए।
चुनावों से जुड़ी अन्य खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…