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सीएम मेडम, बर्ड विलेज के जलाशयों पर वेटलैंड की मुहर लगाओ…

locationउदयपुरPublished: Aug 09, 2018 11:35:33 pm

Submitted by:

madhulika singh

www.patrika.com/rajasthan-news

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सीएम मेडम, बर्ड विलेज के जलाशयों पर वेटलैंड की मुहर लगाओ

उमेश मेनारिया/मेनार. राजस्थान का गौरव बतानेे के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रथ में सवार होकर आज बर्ड विलेज मेनार के आसपास से गुजरने वाली है। मुख्यमंत्री जगह-जगह घोषणा करते हुए आगे बढ़ रही है लेकिन बर्ड विलेज के ग्रामीण और पक्षीप्रेमी भी एक उम्मीद लेकर बैठे है कि सीएम मेडम मेनार के दोनों जलाशयों को वेटलैंड घोषित करने मुहर लगाने का एलान इसी क्षेत्र में करें।
सीएम का उदयपुर जिले में आगमन भी मेनार से थोड़ा आगे कीर की चौकी से प्रवेश होगा, बाद में मेनार के पास के ही भींडर, खेरोदा, भटेवर व वल्लभनगर से सीएम का रथ गुजरेगा और उसी क्षेत्र के मेनार गांव के ये जलाशय आते हैं। मेनार के दोनों जलाशय प्रवासी पक्षियों को शरणस्थली है, जिला प्रशासन ने जिले के मुख्य जलाशयों को वेटलैंड घोषित करने के लिए राज्य सरकार को पहले ही रिपोर्ट भेज रखी है जिसमे मेनार के धण्ड तालाब एवं ब्रह्म सागर तालाब प्रमुख रूप से शामिल है। वेटलैंड घोषित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य इन संपत्तियों को भविष्य के लिए सुरक्षित किया जा सके पर सरकार ने अब तक इस प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया है।

रिपोर्ट सरकार के पास ही हैं मेडम
पर्यावरण विभाग में जिला प्रशासन को वेटलैंड संपत्तियां चिन्हित कर रिपोर्ट देने के लिए आदेश दिए थे इस पर संबंधित विभागों की टीम ने वेटलैंड मैनेजमेंट एंड कंजर्वेशन रूल्स 2010 के नियम 3 के तहत मेनार के दोनों जलाशयों को वेटलैंड संपत्तियों में शामिल करने के लिए सरकार को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी थी सरकार के पास यह फाइलें पहुंचने के बाद वेटलैंड अधिनियम 2016 में संशोधन के कारण मामला अटका हुआ है। वल्लभनगर तहसील में वेटलैंड संपतिया को चिन्हित करने के लिए धण्ड तालाब, ब्रह्म सागर मेनार, वल्लभनगर बांध, भटेवर तालाब की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। वेटलैंड नियम 2010 के नियम 3 के अनुसार आद्र भूमिया जो परिस्थितिक दृष्टि से संवेदनशील और महत्वपूर्ण है । प्राकतिक सौंदर्य के विशिष्ठ क्षेत्रो ऐतिहासिक या विरासत वाले क्षेत्रो और आनुवांशिकता विविधता क्षेत्र वेटलैंड मान्य किये गए हैं । ढाई हजार मीटर से नीचे की आद्र भूमिया या आद्र भूमि समूह जिनका क्षेत्रफल पांच सौ हेक्टेयर के समतुल्य या अधिक वाले हैं के तहत संपतियां मान्य की गई थी

वेटलैंड के अंतर्गत आने पर ही बच पाएगा बर्ड विलेज
मेनार के दोनो जलाशयों को वेटलैंड के अंतर्गत आने पर ही इन्हें भविष्य के लिए सहेजा जा सकता है । क्योंकि इन तालाबो पर आस पास बिना अनुमति कई निर्माण होने लग गए है । वही दोनो तालाबों के किनारे कतिपय लोगों द्वारा अतिक्रमण भी किया जा रहा है। इन वेटलैंड को सरंक्षित नही किया तो इनके नष्ट होने का खतरा लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में सभी वेटलैंड तथा झीलें अतिक्रमण, प्रदूषण तथा गाद भराव की समस्या से जूझ रही हैं। उनकी प्राकृतिक दायित्व बहाली भूमिका हाशिए पर है। अतिक्रमण की वजह से कई जगहो पर प्राकतिक नाले दफन हो चुके है कैचमेंट क्षेत्र से पानी की आवक भी घटी है।
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देश-दुनिया से आते हैं पक्षी
गोरतलब है कि बर्ड विलेज नाम से विश्व विख्यात मेनार पक्षी विहार गांव जैव विविधता का सर्वश्रेठ उदाहरण है। बर्ड विलेज मेनार के धण्ड तालाब पर कई वर्षों से हजारों प्रवासी पक्षी देश दुनिया से सर्दी के दिनों में प्रवास के लिए आते हैं। मेनार पक्षी विहार शीतकालीन पक्षियों आश्रय स्थल हैं। विभिन्न प्रकार की मछलियां और छोटे मोटे जलीय जीव जंतुओं के प्रजनन के लिये भी ये उपयुक्त है। मेनार के धण्ड तालाब पर 150 से अधिक प्रजातियो के प्रवासी पक्षियों की पनाहस्थली के रूप में विख्यात हैं । पक्षियों का कलरव पक्षी निहारकों प्रकति प्रेमियों को आकर्षित करते है। ये यहां इसलिए भी आते हैं क्योंकि यहां खाद्य श्रंखला का बहुत बड़ा स्रोत है। यहां हर साल चीन, साइबेरिया, आस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, अफ्रीका और मंगोलिया से पक्षी नवम्बर से आने शुरू हो जाते है और मार्च तक यहीं रुकते हैं। गांव के तालाब के अंदर किसी प्रकार की मानवीय दखल नहीं है।

बर्ड विलेज की विशेषताएं
– यहां के ग्रामीण तालाब के पानी को सिंचाई के लिए भी उपयोग नहीं करते
– किसी प्रकार का शिकार लोग नही होने देते हैं
– यहां किसी प्रकार का मछली पालन होता है ।
– वातावरण सभी प्रकार के पक्षियों के लिए अनुकूल है यहां गहरे वह छिछले पानी दोनों के स्त्रोत हैं।

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