
श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में दुनिया की सबसे ऊंची शिव मूर्ति विश्वास स्वरूपम्। फोटो जय मखीजा
World Tallest Shiva Statue : राजस्थान में आज से सावन मास शुरू हो रहा है। हर साल शिव भक्तों को इस महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। देश-प्रदेश में ऐसे कई शिव मंदिर है जहां दूर-दराज से भक्त आते हैं। राजस्थान के प्राचीन मंदिरों के अलावा प्रदेश में एक जगह ऐसी भी है जहां विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है। प्रभु श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में गणेश टेकरी के पास तत्पदम उपवन में बनी विश्व की सबसे ऊंची 369 फीट (112 मीटर) की शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’ पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। जानें दुनिया की इस सबसे ऊंची शिव मूर्ति विश्वास स्वरूपम् के बारे सब कुछ।
राजस्थान के नाथद्वारा की गणेश टेकरी पहाड़ी पर विश्व की सबसे ऊंची महादेव की अद्भुत प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम्' या Statue of Belief ध्यान मुद्रा में विराजमान हैं। आम श्रद्धालुओं को भगवान शिव के दर्शन के लिए 29 अक्टूबर, 2022 को खोला गया था। शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’ को मूर्तिकार नरेश कुमार ने गढ़ा था। नरेश कुमार मूलरूप से राजस्थान के पिलानी के निवासी हैं। मूर्तिकार ने यह शानदार मूर्ति हरियाणा के मानेसर में तैयार की है। मूर्तिकार का दावा है कि ढाई हजार साल तक शिव प्रतिमा इसी तरह खड़ी रहेगी।
शिव प्रतिमा के बारे में बताया जाता है कि पहले 251 फीट ऊंचाई की बनाई जानी थी। फिर इसकी ऊंचाई में परिवर्तन कर 351 फीट करने का फैसला लिया गया। इसके बाद गंगा की जलधारा लगाने के विचार को प्रारूप देने से शिव प्रतिमा का आकार 369 फीट तक पहुंच गया। शिव प्रतिमा को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। आधुनिक लेजर लाइटों से रात में आकाश में इसका प्रतिबिंब बन जाता है। भगवान के दर्शन के लिए चार लिफ्ट और एलिवेटर लगाए गए हैं। श्रद्धालु इसके सहारे भगवान शिव के कंधे के करीब लगे त्रिशूल का दर्शन करते हैं। भगवान शिव का लगातार जलाभिषेक होता रहता है। इस व्यवस्था को सुचारू रूप देने के लिए शिव प्रतिमा के सिर में पानी के दो बड़े टैंक बनाए गए हैं।
विश्वास स्वरूपम् या स्टैच्यू आफ बिलीफ दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 369 फीट की है। इसकी लागत तकरीबन 300 करोड़ रुपए आई। प्रतिमा के ठीक सामने 25 फीट ऊंचे और 37 फीट चौड़े नंदी भी बनाए गए हैं। इस शिव प्रतिमा बनाने के लिए 30,000 टन पंचधातु उपयोग में लाया गया है। इस प्रतिमा पर 250 KMPH की गति से चलने वाली आंधी, ओले बेअसर हैं। इसे बनाने में 90 इंजीनियरों और 900 कारीगरों ने मदद की है। विश्वास स्वरूपम् 20 किमी दूर से साफ-साफ नजर आती है।
विश्वास स्वरूपम् या स्टैच्यू आफ बिलीफ को बनाने में जो पंचधातु लगा है, उसमें 2,600 टन स्टील, 2,601 टन लोहा, 26,618 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट शामिल है। यह प्रतिमा 30x25 मीटर आधार पर स्थित है। जानकर आश्चर्य होगा कि 250 वर्ष तक इसमें किसी तरह के रखरखाव की आवश्यकता नहीं होगी।
विश्वास स्वरूपम् के दर्शनों के लिए एक बार में 60 लोग अंदर जा सकेंगे। एक दिन अधिकतम 700 लोगों की एंट्री हो सकेगी। 10-10 लोगों का बैच प्रतिमा के अलग-अलग स्थानों पर दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर परिसर में एक ध्यान कक्ष, एक आगंतुक कक्ष, एक वीआईपी लाउंज और एक प्रशासनिक कार्यालय है। यहां पर 16 एकड़ के मैदान में वाहन पार्किंग, तीन प्रकृति उद्यान, एक भोजनालय, एक लेजर फव्वारा और हस्तशिल्प दुकानों के लिए एक बड़ा क्षेत्र, मंच, संगीतमय फव्वारे, स्मारिका दुकानें और एक तालाब भी शामिल हैं।
साधारण प्रवेश - प्रतिमा दर्शन, उद्यान और आस-पास घूमने के लिए, प्रवेश शुल्क ₹200 है।
प्रतिमा के अंदर प्रवेश - प्रतिमा के अंदर 270 या 280 फीट की ऊंचाई पर जाने के लिए ₹200 का अतिरिक्त टिकट।
जलाभिषेक - जलाभिषेक के लिए ₹1100 खर्च करने होंगे।
पूर्ण दर्शन - पूर्ण दर्शन के लिए ₹1350 का टिकट लगेगा है।
Updated on:
11 Jul 2025 02:44 pm
Published on:
11 Jul 2025 02:38 pm
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