
MP High Court jabalpur
उदयपुर: बीमार किशोरी को तंत्र विद्या और झाड़-फूंक से स्वस्थ करने का झांसा देकर डेढ़ वर्ष तक बलात्कार कर गर्भवती करने वाले जलदायकर्मी सहित नौ आरोपियों में से तीन को न्यायालय ने मरते दम तक सलाखों में रखने के आदेश दिए। मामले में एक आरोपी कम्पाउंडर ने आत्महत्या कर ली तथा पांच आरोपियों के विरुद्ध अब तक अनुसंधान लंबित है।
शर्मसार करने वाले कृत्य में न्यायालय ने अनुसंधान नतीजा अब तक पेश नहीं करने को भी काफी गंभीरता से लिया। पॉक्सो-1 न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अरुण जैन ने आईओ को स्पष्टीकरण सलूम्बर पुलिस अधीक्षक के जरिए न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए। कृत्य में एक अपचारी भी शामिल रहा, जिसके विरुद्ध किशोर न्याय बोर्ड न्यायालय में मामला विचाराधीन है।
न्यायालय ने 16 वर्षीय किशोरी से बलात्कार और गर्भवती करने के मामले में जलदायकर्मी मोगियावाड़ (खेरवाड़ा) निवासी लक्ष्मणलाल पुत्र कालू, सूरजपोल रोड़ सलूम्बर निवासी रोहित पुत्र हीरालाल, हरीश उर्फ विक्की पुत्र पुरषोत्तम को पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 में दोषी करार देते हुए मरते दम तक सलाखों में रखने एवं एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अन्य आरोपी रवि, विष्णु, चालक बंशी, विकास के विरुद्ध अभी जांच लंबित है। कंपाउडर सुरजीत ने आत्महत्या कर ली।
मामले में पुलिस की ओर से महज तीन आरोपियों के विरुद्ध आरोप-पत्र पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक पूनमचंद मीणा ने 17 गवाह और 37 दस्तावेज पेश किए। न्यायालय ने तीनों आरोपियों को सजा देने के साथ ही अपने निर्णय में कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा कि यह अपराध गंभीर प्रकृति का होकर विरलतम से विरलतम है।
न्यायालय ने मौजूद साक्ष्य के आधार पर लिखा कि गंभीर अपराध में आइओ ने अभियुक्त रवि, विष्णु, बंशी एवं विकास के खिलाफ जांच लंबित रखी। सभी आरोपियों ने नाबालिग से अलग-अलग समय में किराए के मकान और हॉस्पिटल परिसर में दुष्कर्म किया। उनका मेडिकल चेकअप करवाकर जांच नमूने में भी प्रयोगशाला में भेज दिया गया।
अब आईओ ने लिखा कि मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त होने तक जांच लंबित है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया तथा कहा कि अनुसंधान अधिकारी ने इन आरोपियों के खिलाफ जांच पूर्ण कर कोर्ट में तितम्बा चालान क्यों नहीं पेश किया? जांच क्यों लंबित रखी। अब तक नतीजा पेश नहीं करने का स्पष्टीकरण अनुसंधान अधिकारी सलूंबर जिला पुलिस अधीक्षक के जरिए पेश करे।
मामले में लिप्त आरोपी आदर्शनगर भोराई पाल निवासी कंपाउडर सुरजीत सिंह अहारी ने 26 अगस्त 2013 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मृतक की पत्नी की रिपोर्ट पर धारा 306 आइपीसी में अलग से प्रकरण दर्ज किया था। पत्नी ने दुष्कर्म की जांच राजनैतिक दबाव में होने से पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
पीड़िता के पिता ने 6 जुलाई 2023 को दी रिपोर्ट में आरोपियों पर पुत्री के बलात्कार व गर्भवती का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी थी। बताया कि वह जनरल हॉस्पिटल में भोजन बनाने का काम करता है, परिवार सहित वहीं रहता है। इससे पहले वह किराये के मकान में रहता था। वहां पड़ोस में जलदायकर्मी लक्ष्मण मोगिया भी रहता था, जिससे उसकी अच्छी जान पहचान थी।
परिवादी का कहना था कि 16 वर्षीय पुत्री लंबे समय से बीमार थी। लक्ष्मण ने उसे व पत्नी को झांसे में लेते हुए कहा कि वह उसे तंत्र विद्या से ठीक कर देगा। विश्वास में आकर राजी हो गए। डेढ़ वर्ष तक आरोपी ने इलाज के नाम पर बुलाया और साथियों के साथ बारी-बारी से बलात्कार किया। इस बीच पुत्री गर्भवती हो गई। पूछताछ में उसने आरोपियों द्वारा बलात्कार करने की बात बताई। मामला दर्ज होने पर पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करवाया। इस बीच पीड़िता ने एक पुत्री को जन्म दिया।
Updated on:
12 Jun 2025 10:13 am
Published on:
12 Jun 2025 09:24 am
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