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बैंकों के कायदे में उलझ कर रह गई ‘गरीबों की जमा पूंजी

locationउदयपुरPublished: Oct 23, 2019 01:16:19 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

sbi bank ग्रामीण इलाकों में अनपढ़ खातेदारों को आ रही समस्या

बैंकों के कायदे में उलझ कर रह गई 'गरीबों की जमा पूंजी

बैंकों के कायदे में उलझ कर रह गई ‘गरीबों की जमा पूंजी

उदयपुर/ कोटड़ा. sbi bank भारतीय स्टेट बैंक के कायदों के बीच स्थानीय गरीब खातेदारों की जमा पंूजी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक माह में चार बार से अधिक लेन-देन नहीं करने की शर्तों के बीच गरीब तबका ***** रहा है। विशेष तौर पर अनपढ़ आदिवासी, मनरेगा और दिहाड़ी मजदूर इन कायदों में उलझकर रह गया है।
होता यूं है कि बैंक के कायदों के बीच मनरेगा योजना में दो पखवाड़ों में काम करने वाले मजदूर के खाते में दो बार राशि जमा होगी। ऐसे में चार में दो बार लेनदेन की शर्त पूरी हो जाती है। अब खाताधारक यदि अपना आधारकार्ड लेकर किसी बैंक बीसी के पास जाता है और खाते में जमा राशि की पुष्टि करता है तो इस प्रक्रिया में तीसरी बार लेनदेन का अधिकार भी समाप्त हो जाता है। ऐसे में एक बार में खाते में राशि आने की पुष्टि नहीं होती है तो खातेदार अंतिम यानी चौथी बार लेनदेन के अधिकार का उपयोग केवल खाते में आई राशि के लिए कर पाता है। कहे तो खाते में रुपया होने के बावजूद खातेदार उस महीने संबंधित राशि का उपयोग खुद पर नहीं कर सकता है। कायदों के इन पाटों में गरीब परिवार की जरूरतों पर कहर ला दिया है। बता दें कि कोटड़ा पंचायत समिति मुख्यालय स्थित बैंक शाखा में करीब 35 हजार खाताधारक हैं। इनमें मजदूर उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है।
तब और गंभीर हो जाती हैं समस्याएं
– अधिकांश खाताधारक अनपढ़ होने के कारण खातों में मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं करते। वहीं तकनीकी कारणों से कुछ मोबाइल नंबर लिंक नहीं होते तो कई नंबर उपभोक्ताओं के स्वयं के स्तर पर बदल दिए जाते हैं। ऐसे में खाते में जमा और निकासी के लिए खाताधारक को सीधे बैंक बीसी और एइपीएस (आधार इनेबल पेमेंंट सिस्टम) के उपयोग से जानकारी मिलती है।
– उपभोक्ताओं की मानें तो मुख्य शाखा के स्तर पर 10 हजार से कम राशि का भुगतान नहीं किया जाता। इससे कम भुगतान को लेकर उपभोक्ता को बीसी के समक्ष भेज दिया जाता है।
– उपखण्ड क्षेत्र में एसबीआई के नाम पर केवल छह बीसी हैं। बैंकिंग सेवा को लेकर कोटड़ा क्षेत्र में केवल मांडवा, जुड़ा, बिकरनी, मामेर व दो बैंक बीसी कोटड़ा में बनाए गए हैं।
वर्ष 2017 से लागू
माह में अधिकतम चार बार लेनदेन का कायदा वर्ष 2017 से लागू है। sbi bank बैंक स्तर पर न्यूनतम नकद निकासी की सुविधा दी जा रही है।
धर्मवीर पासवान, शाखा प्रबंधक एसबीआई कोटड़ा
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