तब और गंभीर हो जाती हैं समस्याएं
– अधिकांश खाताधारक अनपढ़ होने के कारण खातों में मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं करते। वहीं तकनीकी कारणों से कुछ मोबाइल नंबर लिंक नहीं होते तो कई नंबर उपभोक्ताओं के स्वयं के स्तर पर बदल दिए जाते हैं। ऐसे में खाते में जमा और निकासी के लिए खाताधारक को सीधे बैंक बीसी और एइपीएस (आधार इनेबल पेमेंंट सिस्टम) के उपयोग से जानकारी मिलती है।
– उपभोक्ताओं की मानें तो मुख्य शाखा के स्तर पर 10 हजार से कम राशि का भुगतान नहीं किया जाता। इससे कम भुगतान को लेकर उपभोक्ता को बीसी के समक्ष भेज दिया जाता है।
– उपखण्ड क्षेत्र में एसबीआई के नाम पर केवल छह बीसी हैं। बैंकिंग सेवा को लेकर कोटड़ा क्षेत्र में केवल मांडवा, जुड़ा, बिकरनी, मामेर व दो बैंक बीसी कोटड़ा में बनाए गए हैं।
– अधिकांश खाताधारक अनपढ़ होने के कारण खातों में मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं करते। वहीं तकनीकी कारणों से कुछ मोबाइल नंबर लिंक नहीं होते तो कई नंबर उपभोक्ताओं के स्वयं के स्तर पर बदल दिए जाते हैं। ऐसे में खाते में जमा और निकासी के लिए खाताधारक को सीधे बैंक बीसी और एइपीएस (आधार इनेबल पेमेंंट सिस्टम) के उपयोग से जानकारी मिलती है।
– उपभोक्ताओं की मानें तो मुख्य शाखा के स्तर पर 10 हजार से कम राशि का भुगतान नहीं किया जाता। इससे कम भुगतान को लेकर उपभोक्ता को बीसी के समक्ष भेज दिया जाता है।
– उपखण्ड क्षेत्र में एसबीआई के नाम पर केवल छह बीसी हैं। बैंकिंग सेवा को लेकर कोटड़ा क्षेत्र में केवल मांडवा, जुड़ा, बिकरनी, मामेर व दो बैंक बीसी कोटड़ा में बनाए गए हैं।
वर्ष 2017 से लागू
माह में अधिकतम चार बार लेनदेन का कायदा वर्ष 2017 से लागू है। sbi bank बैंक स्तर पर न्यूनतम नकद निकासी की सुविधा दी जा रही है।
धर्मवीर पासवान, शाखा प्रबंधक एसबीआई कोटड़ा
माह में अधिकतम चार बार लेनदेन का कायदा वर्ष 2017 से लागू है। sbi bank बैंक स्तर पर न्यूनतम नकद निकासी की सुविधा दी जा रही है।
धर्मवीर पासवान, शाखा प्रबंधक एसबीआई कोटड़ा