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सुविवि : ओल्ड पेंशन की फांस में न्यू पेंशन का पेंच

- विवि के शिक्षकों व कर्मचारियों को सशर्त ओल्ड पेंशन के कारण नुकसान, सुटा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

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सरकार ने हाल में सभी सरकारी कार्मिकों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की है, लेकिन विवि के शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों को ये पेंशन सशर्त दिए जाने के प्रावधान से शिक्षक व कर्मचारी वर्ग में असमंजस है। सरकार ने न्यू पेंशन लेने वाले विवि शिक्षकों को ओल्ड पेंशन तब ही देने का निर्णय लिया है, जब वह न्यू पेंशन स्कीम के तहत एम्पलोयर कन्ट्रीब्यूशन राशि पेंशन फंड में जमा करवाएंगे। इससे प्रदेश के हजारों कार्मिक प्रभावित हो रहे हैं।

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ये है बड़ा पेंचइसमें बड़ा पेंच ये है कि विवि शिक्षकों व कार्मिकों ने ये राशि ली ही नहीं है। ये पूरा पैसा केन्द्र सरकार के एनएसडीएल (नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉजिटरी लिमिटेड) पोर्टल पर जमा है। ऐसे में जो राशि ली ही नहीं है, वह ब्याज सहित कैसे चुकाएं। केन्द्र सरकार ये राशि राज्य सरकार को भी देने से मना कर चुकी है।

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ब्याज मांगा 12 प्रतिशत

विवि के नियमित शिक्षकों का औसतन करीब नौ से दस लाख रुपए एनएसबीएल में जमा है। ऐसे में इसका सरकार 12 प्रतिशत ब्याज इन शिक्षकों से मांग रही है, जबकि जमा राशि का केन्द्र सरकार अधिकतम करीब 8 फीसदी राशि दे रही है।

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इस आदेश से उलझन1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के लिए राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय किया है। वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना की क्रियान्विति के सम्बन्ध में समस्त विश्वविद्यालयों के लिए एक आदेश जारी किया है, इसके बिंदु संख्या 8 के अनुसार दिनांक 01.01.2004 एवं उसके पश्चात के सेवारत कार्मिक जो नवीन पेंशन योजना की नियोक्ता अंशदान की समस्त 12% राशि प्रतिवर्ष ब्याज सहित दिनांक 20 जून 23 तक पेंशन निधि खाते में जमा कराएंगे, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल पाएगा।

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विश्वविद्यालय के प्रत्येक कर्मचारी की नवीन पेंशन योजना (एन पी एस ) के अंतर्गत समस्त अंशदान राशि केंद्र सरकार के एनएसडीएल अकाउंट में जमा है, इस अंशदान को वर्तमान परिस्थितियों में निकालना नामुमकिन है। इसे लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इससे विवि के शिक्षकों व कार्मिकों को बड़ा नुकसान है।

डॉ देवेन्द्रसिंह राठौड़, अध्यक्ष सुखाडि़या विवि शिक्षक संघ