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शरद पूर्णिमा 2017: धवल चांदनी में भगवान को लगेगा खीर का भोग, आधी रात होगा प्रसाद वितरण

- शहर के मंदिरों में होंगे विशेष आयोजन, होगा गरबा रास

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sharad purnima 2017

sharad purnima 2017

उदयपुर . शरद पूर्णिमा गुरुवार को श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। इस दिन कृष्ण मंदिरों के साथ ही घर-घर विशेष आयोजन होंगे। पूर्णिमा की धवल चांदनी में भगवान को खीर का भोग लगाया जाएगा।

जगदीश मंदिर, श्रीनाथ मंदिर, अस्थल सहित अन्य मंदिरों में पूर्णिमा पर आयोजन होंगे। घंटाघर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर के भक्त कुंदन चौहान ने बताया कि शाम 7 बजे से खीर का प्रसाद वितरित होगा। गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में गुरुदेव ब्रिज बिहारी बन के सान्निध्य में आयोजन होंगे। गुप्तेश्वर महादेव भजन मंडली रात 8 बजे से भजन संध्या का आयोजन करेगी जो सुबह 4 बजे तक चलेगी। शाम को खीर बनाकर चांदनी रात में रखी जाएगी, जिसे रात्रि 12 बजे प्रसाद के रूप में सभी भक्तों को वितरित किया जाएगा। इस दिन महादेव को विशेष शृंगार धराया जाएगा।

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होगा शरदोत्सव
पूर्णिमा पर महाकालेश्वर की षोडशोपचार मंत्रों से पूजा-अर्चना की जाएगी। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर महाकालेश्वर के सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि भोलेनाथ को विशेष शृंगार धराकर खीर का भोग लगाया जाएगा। मंदिर प्रांगण में महिलाएं गरबा रास करेंगी। बाद में भक्तों को खीर का प्रसाद वितरित किया जाएगा।

इसलिए रखते हैं चांदनी में खीर
शरद पूर्णिमा अश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा को चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है और माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा से कुछ विशेष दिव्य गुण प्रवाहित होते हैं इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा और रस पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस रात को खीर बनाकर खुले आसमान के तले रखा जाता है।कई वैद्य शरद पूर्णिमा के दिन जीवन रक्षक विशेष औषधियों के निर्माण करते हैं। हिंदू परंपरा में रस पूर्णिमा का विशेष स्थान है। दशहरा से लेकर पूर्णिमा तक चंद्रमा से एक विशेष प्रकार का रस झरता है जो अनेक रोगों में संजीवनी की तरह काम करता है। उन्होंने बताया कि चांद की रोशनी को औषधि रूप देने के लिए पूर्णिमा के दिन घरों की छतों पर खीर बनाकर रखते हैं। जब चांद की किरणें खीर पर पड़ती हैं तो वह अमृतमयी औषधि के रूप में काम करती है।