
फाइल फोटो पत्रिका
Silver Price : चांदी की भाव रिकॉर्ड तोड़ते हुए आम लोगों की खरीद पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। एक साल के दरमियान ही करीब दुगुनी तेजी के बाद अब चांदी 1 लाख 10 हजार रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। तीन माह में ही 15 हजार से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है। स्थानीय बाजार में खरीदारी में करीब 70 प्रतिशत गिरावट आई है। जहां सामान्य दिनों में 50 किलो चांदी की बिक्री होती थी, वह अब 15 किलो के आसपास सिमट गई है।
व्यापारी बताते हैं कि अब केवल वही ग्राहक आ रहे हैं, जिन्हें मजबूरी में पारिवारिक जरूरत के लिए चांदी लेनी है। निवेशक लगभग गायब हो चुके हैं। आदिवासी क्षेत्रों में पहले जितनी चांदी बहुओं के लिए रखी जाती थी, अब वह भी आधी करनी पड़ रही है। व्यापारी आशंका जता रहे हैं कि यही हाल रहा तो पारंपरिक चांदी कारोबार पूरी तरह ठप हो सकता है। उदयपुर और मेवाड़ क्षेत्र में चांदी की बढ़ती कीमतों ने स्थानीय कारोबार को प्रभावित किया है। यदि कीमतों में राहत नहीं मिली तो व्यापार में बड़ी गिरावट आ सकती है।
मेवाड़ में आदिवासी अंचल में सोने के बजाय चांदी के इस्तेमाल का चलन अधिक है। अभी खरीद पर दुगुना बजट लग रहा है। ऐसे में खरीद कम होगी। व्यापारियों को भी लग रहा था कि अभी तक बढ़ी कीमतें सर्वाधिक है, लेकिन इससे भी ऊपर बढ़ोतरी समझ से परे हो रही है।
1- उदयपुर में आमतौर पर हर दिन 50 किलो चांदी की खरीद होती है, जिससे 5 करोड़ रुपए तक का कारोबार हो जाता है।
2- शादियों के सीजन में डिमांड बढ़ जाती है और 100 किलो तक बिक्री होकर कारोबार 10 करोड़ रुपए तक हो जाता है।
चांदी के बढ़ते भाव से खरीदारी पर असर पड़ा है। बहुत आवश्यकता होने पर या छोटी जरुरत पर ही खरीद की जा रही है। लोगों की खरीद क्षमता इतनी नहीं है कि हर भाव में खरीदारी चलती रहे। यही स्थिति रही तो स्थानीय व्यापार खत्म हो जाएगा। कारण अंतरराष्ट्रीय तेजी है और कोई कारण विशेष नहीं लगता।
इंदरसिंह मेहता, संरक्षक, श्री सर्राफा संघ राजस्थान
Updated on:
13 Jul 2025 11:46 am
Published on:
13 Jul 2025 11:44 am
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