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जोड़-तोड़ की राजनीति: छात्र नेता भूले संगठन, चेहरों के लिए दौड़

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जोड़-तोड़ की राजनीति: छात्र नेता भूले संगठन, चेहरों के लिए दौड़

भुवनेश पंड्या/उदयपुर. मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि में केन्द्रीय छात्रसंघ के चुनावों का प्रचार जैसे-जैसे परवान चढ़ रहा है वैसे-वैसे छात्र नेता अपने संगठन को भूलकर जानकार चेहरों के सिर सेहरा बंधवाने की दौड़ में लग गए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एबीवीपी के बागी और एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के लिए जो चुनाव प्रचार कर रहे हैं, वह अपने संगठन को पीछे छोड़ चुके हैं। हाल ये है कि कई विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बागी के साथ जुटे हैं, तो कई एनएसयूआई के कार्यकर्ता विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी के प्रचार में लग गए हैं। जोड़-तोड़ की इस राजनीति में अब तक चुनावी पंडित जीत की गणित का सही आकलन नहीं कर पा रहे।वर्ष 2016 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े मयूरध्वज निर्दलीय चुनाव लडऩे के बाद अब निर्दलीय प्रत्याशी सुखदेव डांगी की जीत के लिए जुट गए हैं, तो एबीवीपी से वर्तमान विवि प्रेसिडेंट भवानी शंकर बोरिवाल भी सुखदेव के खेमे में खड़े नजर आ रहे हैं। एक दिन पहले एबीवीपी कार्यकर्ता निखिलराज सिंह भी डांगी को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। इसी प्रकार एबीवीपी के दिनेश डांगी खुलकर निर्दलीय उपाध्यक्ष प्रत्याशी के समर्थन में जुट गए हैं। वहीं दूसरी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज बोराणा संगठन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जुटे हुए है, उन्होंने बताया कि वह हिमांशु का प्रचार कर रहे हैं। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अमित पालीवाल ने बताया कि वह महेश रोत के प्रचार में लगे हैं, कुछ लोग नाम बिगाडऩे के लिए अन्य के साथ उनका नाम जोड़ रहे हैं। जबकि एनएसयूआई के कई कार्यकर्ता महेश रोत के साथ नहीं लगकर हिमांशु बागड़ी के साथ जुटे हैं। हालांकि संगठन के कई कार्यकर्ता दबे पांव अन्य प्रत्याशियों के साथ लगे हैं। एनएसयूआई के कार्यकर्ता मयूर दवे ने कहा कि संगठन से इस बार अधिक से अधिक प्रत्याशी विजय श्री लेंगे।

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