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छात्रसंघ चुनाव : उदयपुर के इस कृषि विवि में बाहरी तय करते हैं चुनावी समीकरण, जातिगत राजनीति भी करती है प्रभावित

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय  में छात्रसंघ चुनाव को लेकर नगण्य रहता है प्रचार 

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MPUAT

उदयपुर . छात्रसंघ चुनाव में मोहनलाल सुखाडि़या विश्व विद्यालय व संघटक कॉलेज में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं, वहीं इससे सटे महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) में स्थिति इसके उलट है। यहां छात्रसंघ चुनाव को लेकर प्रचार नगण्य रहता है। इसका मुख्य कारण एमपीयूएटी में बाहरी छात्रों का बहुल एवं जातिगत राजनीति का हावी होना है। तकनीकी पढ़ाई से जुड़ा विवि होने से यहां के विद्यार्थियों में छात्र राजनीति को लेकर सक्रियता कम रहती है। विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा पास करने के बाद होता है जिससे पढ़ाई का दबाव ज्यादा रहता है। विद्यार्थियों के अनुसार लगभग हर विषय के पचास प्रतिशत अंक प्रोफेसर्स के हाथ में रहते है। छात्र राजनीति में सक्रियता से इनमें नुकसान उठाना पड़ता है। प्रोफेसर्स का दबाव भी रहता है।


नहीं बहकते विद्यार्थी
एमपीयूएटी में अधिकतर छात्र बाहरी है, जो चुनाव में ज्यादा रुचि नहीं लेते हैं। ये किसी प्रलोभन में भी नहीं आते हैं जिससे पार्टी, मूवीज दिखाने आदि का प्रचलन नहीं है। इससे नियमों की अवहेलना भी नहीं होती है। प्रवेश के समय सहायता करने, गेट पर खड़े रहकर प्रचार करने, रैलियां, बैनर्स लगाना आदि भी नहीं होता है।

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एनएसयूआई का रहा है गढ़
एमपीयूएटी एनएसयूआई का गढ़ रहा है। पिछले सात अध्यक्षों में से चार एनएसयूआई, दो निर्दलीय व एक एबीवीपी से था। निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले टिकट नहीं मिलने से अलग हुए थे, लेकिन जीत के बाद पुन: एनएसयूआई से जुड़ गए।

सिर्फ आरसीए व सीटीएई से अध्यक्ष
सुविवि के कॉमर्स व आट्र्स कॉलेज की तरह यहां भी अध्यक्ष पद पर राजस्थान कृषि महाविद्यालय (आरसीए) व कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (सीटीएई) का प्रभाव रहता है। विवि में अब तक कुल चुने गए तेरह अध्यक्षों में से सात आरसीए व छह सीटीएई से बने है। अन्तिम सात में से छह सीटीएई से हैं। विवि के कुल करीब तीन हजार सौ वोटर्स में से सत्रह सौ सीटीएई, छह सौ पचास आरसीए से हैं।

जाट समाज के छात्रों का वर्चस्व
एमपीयूएटी की छात्र राजनीति में जाट वोटर्स का वर्चस्व रहता है। विवि के कुल तीन हजार से ज्यादा वोटर्स में से तीस प्रतिशत से ज्यादा जाट है। इसके चलते विवि के पिछले सात पूर्व केन्द्रीय छात्रसंघ अध्यक्षों में से चार जाट थे। इस बार भी केन्द्रीय अध्यक्ष पद पर एबीवीपी प्रत्याशी पूजा एवं अन्य दो दावेदार मणिराम व मनीष ओला भी जाट समाज के हैं।

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जाति आधारित गुट
विद्यार्थियों के अनुसार विवि के संघटक कॉलेजों में जातिगत आधार पर गुट बने हुए हैं। इनमें जाट, सामान्य, स्थानीय, राजपूत, अजा-जजा व ऑल इण्डिया टेक्नीकल स्टूडेंट यूनियन (एआईटीयू) प्रमुख हैं। इनमें एआईटीयू प्रदेश के बाहर से पढऩे आने वाले विद्यार्थियों का गुट है, जो राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी संस्थानों में चलता है।

वर्ष अध्यक्ष निवास
2010-11 समुद्रसिंह कोठारी जयपुर
2011-12 प्रवीण चौधरी जयपुर
2012-13 ऋषि उपाध्याय उदयपुर
2013-14 किशन नागा जयपुर
2014-15 राहुल मेगा श्रीगंगानगर
2015-16 रामप्रसाद चौधरी जोधपुर
2016-17 श्रवण भाखर सीकर

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