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अनूठी है राजस्थान के इस महल की कहानी, छू सकते हैं बादलों को, बारिश का अनुमान लगाने के लिए किया गया था निर्माण

इस पैलेस का निर्माण महाराजा सज्जन सिंह ने शुरू करवाया था। हालांकि, उनके असामयिक निधन के कारण इसका निर्माण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। बाद में उनके उत्तराधिकारी राजा महाराणा फतेह सिंह ने इसे पूरा करवाया,

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Udaipur News : अपनी संस्कृति, खान-पान, किलों और महलों के लिए राजस्थान दुनियाभर में मशहूर है। हर साल लाखों सैलानी यहां के महल और किलों को देखने आते हैं। राजस्थान में सैलानी सर्दियों के मौसम में आना पसंद करते हैं। वहीं, बारिश के मौसम में भी आप प्रदेश की कई ऐसी जगह हैं जहां घूमने का लुत्फ ले सकते हैं। उनमें से एक जगह है उदयपुर। यहां स्थित सज्जनगढ़ पैलेस पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसे मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। यहां से आप बादलों को छू सकते हैं। जी हां, आपने सही पढ़ा।

पैलेस (Sajjangarh Palace) समुद्री तल से 3100 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां से आप बादलों को देखने के साथ उन्हें छू भी सकते हैं। यहां आने पर ऐसा लगता है कि आप बादलों के बीच घूम रहे हैं। इसका नाम सज्जनगढ़ मेवाड़ राजवंश के महाराणा सज्जन सिंह के नाम पर रखा गया है, जिनके लिए इसे 1884 में बनवाया गया था। इस महल से शहर की झीलों, महलों और आस-पास के ग्रामीण इलाकों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। इसे मुख्य रूप से मानसून के बादलों को देखने के लिए बनाया गया था, इसलिए, यह मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाता है।

चित्तौडग़ढ़ का नजारा देखने के लिए बनवाया था
ऐसा कहा जाता है कि महाराणा ने अपने पैतृक घर चित्तौडग़ढ़ का नजारा देखने के लिए इसे पहाड़ी की चोटी पर बनवाया था। पहले यह मेवाड़ राजघराने के स्वामित्व में था, अब यह राजस्थान सरकार के वन विभाग के नियंत्रण में है और हाल ही में इसे जनता के लिए खोल दिया गया है। इस महल से सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा दिखता है। इसके निर्माता महाराणा सज्जन सिंह ने मूल रूप से इसे पांच मंजिला खगोलीय केंद्र बनाने की योजना बनाई थी। हालांकि, उनकी असामयिक मृत्यु के कारण यह योजना रद्द कर दी गई। इसके बाद इसे मानसून महल और शिकारगाह में बदल दिया गया।

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जेम्स बॉन्ड सहित कई फिल्मों की हो चुकी है शूटिंग
उदयपुर के बाहर अरावली पहाडिय़ों में स्थित इस महल को शाम के समय रोशनी से जगमगा दिया जाता है, जिससे इसमें सुनहरी नारंगी चमक आ जाती है। 1983 में आई जेम्स बॉन्ड (James Bond) फिल्म ऑक्टोपसी की इस पैलेस (Monsoon Palace) में शूटिंग हुई थी। इसके अलावा कई अन्य फिल्मों की भी इस पैलेस में शूटिंग हो चुकी है।

गिरती है बारिश की पहली बूंद !
इस पैलेस का निर्माण महाराजा सज्जन सिंह ने शुरू करवाया था। हालांकि, उनके असामयिक निधन के कारण इसका निर्माण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। बाद में उनके उत्तराधिकारी राजा महाराणा फतेह सिंह ने इसे पूरा करवाया, जो इसका इस्तेमाल मानसून (Monsoon Update) के बादलों को देखने के लिए करते थे। शाही परिवार ने इस इमारत का इस्तेमाल शिकारगाह के रूप में भी किया। दावा किया जाता है कि समूद्री तल से 3100 फीट ऊपर बने होने के कारण यहां सबसे पहले बारिश की बूंद गिरती है।