प्रशासनिक अनदेखी उस समय खतरनाक बन सकती है, जब ये पता हो कि क्षेत्र में आग लगने की स्थिति में इसे बुझाने के लिए दमकल वाहन की भी सुविधा नहीं है। हर बार यही होता है कि आग की घटनाओं के दौरान स्थानीय सूचना पर उदयपुर या डूंगरपुर जिले से दमकल वाहन बुलाए जाते हैं। इसके बावजूद संकरी गलियों में पटाखों के नाम पर अवैध बारूद संग्रहित किया जा रहा है। वहीं लोगों की सुरक्षा को लेकर भी निरंतर अनदेखी की जा रही है।
अवैध वसूली भी भारी
व्यवस्था खामी की बात करें तो स्थानीय फुटकर विक्रेताओं का आरोप है कि सुरक्षा में लापरवाही के बीच स्थानीय जिम्मेदार उनसे त्योहार के नाम पर दो से तीन हजार रुपए तक वसूली करते हैं। हालांकि, स्थानीय विक्रेताओं ने मामले में किसी का नाम बताने से स्पष्ट मना किया। सूत्रों की मानें तो क्षेत्र विशेष में एक मात्र लाइसेंसधिकारी व्यक्ति निज स्वार्थ के चलते बिना मानदण्ड और सुविधा के फुटकर विक्रेताओं के हाथ लोगों की जिंदगी थमा रहा है। व्यक्ति विशेष का प्रशासनिक अमले पर भी दबाव रहता है।
खास बात यह है कि क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर दम भरने वाली थाना पुलिस का सच भी किसी से छिपा नहीं है। थाने से महज 2 सौ मीटर दूर नियमों को ताक में रखकर रिहायशी इलाके में पटाखों का मनमाना स्टॉक रखा हुआ है। लेकिन, दिखती हुई खामी के बावजूद पुलिस तंत्र मामले में कार्रवाई के नाम पर मौन साधे बैठा है।
रिहायशी इलाके में गोदाम की कोई जानकारी नहीं है। सरकारी रिकॉर्ड में कोई भी व्यक्ति थोक लाइसेंसधारी नहीं है। अवैध संग्रहण वाले मामलों में कार्रवाई कर सीज किया जाएगा।
राजीव द्विवेदी, उपखण्ड अधिकारी, खेरवाड़ा
रिहायशी इलाके में पटाखा संग्रहण का लाइसेंस नहीं मिलता। अगर, किसी स्तर पर इस तरह की गतिविधि की जा रही है तो कानूनन कार्रवाई की जाएगी। मामले में थानाधिकारी को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
विक्रमसिंह, पुलिस उपअधीक्षक, ऋषभदेव
आबादी क्षेत्र में पटाखों का बगैर लाइसेंस बेचान गैरकानूनी है। ऐसा स्टॉक लोगों जिंदगी के लिए कभी भी मुसीबत खड़ी कर सकता है। udaipur crime news कायदे से गोदाम गैर आबादी इलाके में होना चाहिए।
रवि भावा, एडवोकेट