हकीकत है कि मेनार कस्बे को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर सीसी सड़क के निर्माण के साथ ही जिम्मेदार निर्माण एजेंसी की ओर से पटरियां भरी गई थी, लेकिन अतिवृष्टि वाली बरसात के दौरान बहुतायत में पटरियों की मिट्टी बहकर आगे बढ़ गई तो शेष बची मिट्टी नीचे अंतराल में चिपककर बैठ गई। ऐसे में सीमेंटेड सड़क के नुकीले किनारों पर दुपहिया और चौपहिया वाहनों का लडखड़़ाना अब आम हो रहा है। कई बार तो दुपहिया वाहनों के टायर फटने जैसी घटनाएं भी यहां हो रही है।
स्थानीय ग्रामीणों के अलावा सड़क के जानकारों की मानें तो सड़क के कुल हिस्से में करीब डेढ़ किलोमीटर आबादी हिस्सा है। ऐसे में मुख्य चौराहे एवं शिक्षण संस्थानों के बाहर गति अवरोधक लगाने की मांग उठ रही है। इसके अलावा कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बालिका विद्यालय मार्ग, श्मशान मार्ग चौराहा, समिति मार्ग, पीपली बस स्टैंड व उच्च माध्यमिक विद्यालय के समीप गति अवरोधक की आवश्यकता महसूस हो रही है। हालांकि, रोड कांग्रेस का कायदा कहता है कि राजमार्ग पर कम से कम अवरोधक का इस्तेमाल होना चाहिए।
मेनार डाक बंगला से अमरपुरा सड़क मार्ग के बीच आबादी क्षेत्र के मुख्य चौराहों पर स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग को लेकर पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों को खत लिखे हैं। वहीं किनारों की पटरियां भरकर समतल करने की मांग की है।
शंकरलाल मेनारिया, उपसरपंच, ग्राम पंचायत मेनार
मैंने स्वयं ने संबंधित मौके देखे हैं। एक सप्ताह में आवश्यक जगहों पर स्पीड ब्रेकर लगा दिए जाएंगे। udaipur road network ठेकेदार को सड़क किनारे पटरी भरकर समतलीकरण के लिए बोल दिया गया है।
अंचल गुप्ता, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी वल्लभनगर