
अब स्मार्ट सिटी उदयपुर में दौड़ सकेगी सिटी बसें, कचरे का प्लांट भी लगेगा...बोर्ड ने 60 और 100 करोड़ के प्रोजेक्ट पर लगाई मुहर
मुकेश हिंगड़/उदयपुर. स्मार्ट सिटी उदयपुर में स्मार्ट सिटी बसें चलाने और कचरे से मुक्ति दिलाने को लेकर ठोस कचरा निस्तारण प्रोजेक्ट पर आखिर गुरुवार को फैसला हो ही गया। करीब एक साल से उदयपुर के विकास के ये दो बड़े प्रोजेक्ट बजट आगे बढऩे से अटके पड़े थे लेकिन स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में चेयरमैन ने सिटी बस के लिए अतिरिक्त 30 करोड़ और कचरा निस्तारण के 100 करोड़ के प्रोजेक्ट पर मुहर लगा दी। सुबह नगर निगम के मिनी सभागार में उदयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक चेयरमैन और अतिरिक्त मुख्य सचिव (यूडीएच) पवन कुमार गोयल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सिटी बस और ठोस कचरा निस्तारण का प्रोजेक्ट रखा गया, सीईओ सिद्धार्थ सिहाग ने दोनों प्रोजेक्ट में एक साल से अब तक आ रही बातों को बोर्ड के समक्ष रखा। बैठक में चेयरमैन गोयल ने बजट को लेकर अटके प्रोजेक्ट पर तत्काल मंजूरी दी, बोर्ड ने दोनों को ही अनुमोदित कर दिया। बैठक में बोर्ड के सदस्य यूआईटी चेयरमैन रवीन्द्र श्रीमाली, जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक, जिला परिषद सीईओ कमर चौधरी, नगर निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण व्यास, पीएचईडी के मुख्य अभियंता सालवी और यूआईटी सचिव उज्जवल राठौड़ भी उपस्थित थे।
सिटी बसों के लिए 30 की बजाय 60 करोड़
शहर में सिटी बसों के संचालन के प्रोजेक्ट पर स्मार्ट सिटी घोषित होने से चर्चा चल रही थी ओर करीब एक साल से इसके लिए 30 करोड़ का प्रावधान भी कर दिया लेकिन जब टेंडर किए तो बीड में राशि करीब दुगुनी गई। इससे यह प्रोजेक्ट अटक गया। इसमें कंपनी ने नगर निगम व यूआईटी से दस-दस करोड़ और मदद करने की बात रखी लेकिन यूआईटी से आंकड़ा ज्यादा होने से हामी नहीं आई। बोर्ड ने 60 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में अब कंपनी ने 30 करोड़ स्मार्ट सिटी फंड से देने का फैसला किया। इसमें राज्य सरकार का फंड 6 करोड़ व नगर निगम व यूआईटी का 7-7 करोड़ फंड रहेगा। प्रोजेक्ट के तहत शहर में 43 सिटी बसों का संचालन किया जाएगा, इसमें अभी चल रही आठ बसें भी शामिल है।
Published on:
31 Aug 2018 08:05 pm
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