वैसे इन 18 गांव-ढाणी व बस्ती के लोग जब फोरलेन बना तब से यहां अंडरपास को लेकर 2005 से संघर्ष कर रहे थे तब वे कट की बात कर रहे थे। गांव के ग्रामीणों ने कहा कि वे यहां हर हाल में अंडरपास के लिए नेशनल हाइवे से लेकर जिला कलक्टर के दफ्तर कई बार चले गए। उन्होंने इसके लिए कई तर्क रखे, अब समाधान नहीं निकाला गया तो वे अगले सप्ताह से अनशन पर बैठेंगे। ग्रामीण जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक, एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुनील यादव से भी मिल चुके है।
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इसलिए अंडरपास यहां मांग रहे – करीब 18 गांव से आने-जाने वाले शीशम की घाटी-गाड़वा रोड स्थित हाइवे पर निकलते है। – शीशम की घाटी से पहले डबोक की तरफ मधुफला में और उदयपुर की तरफ तुलसीदास की सराय में हाइवे अंडरपास बना रहा जहां इतने गांव का लिंक नहीं है। – अंडरपास उन दोनों स्थानों पर भले बनाए लेकिन 18 गांव वालों के लिए शीशम की घाटी में अंडरपास की बड़ी जरूरत है। — अंडरपास नहीं होने से खतरें में जान – इन गांवों के लोग हाइवे क्रोस करने के लिए एक किलोमीटर से ज्यादा गलत साइड चलने को मजबूर। – स्कूली बच्चे हाइवे पार कर स्कूल जाते, अभिभावकों को हर समय उनकी जान की चिंता। – अभी छोटे कट से लोग दुपहिया वाहन क्रोस करते है। – बनाए अस्थायी कट से करीब 15 से ज्यादा हादसे हो चुके, कई लोगों की जान गई। — ये विकास भी इस जगह पर – यूआईटी शीशम की घाटी से साकरोदा तक 60 फीट रोड प्रस्तावित है। – यूआईटी इसी रोड पर ढाई करोड़ का बेडच नदी पर पुलिया का निर्माण कर रही है। – तीन स्कूल व एक कॉलेज आसपास। – तीन धार्मिक स्थलों पर जाने का रास्ता भी — इन गांव-ढाणियों को होगा फायदा – रेबारियों की ढाणी – गाडरियों का खेड़ा – गाडवा – आनंदपुरा – रेडिया – तेलियों का रेटा – खेड़ा – मोरियो का कुआ – ठीकरिया – सिहाड़ा – कीरो की मगरी – वकारी मगरी – आंवलिया – चंगेड़ी – रेलड़ा – ओरड़ी – गमेतियों की बस्ती —
इसलिए अंडरपास यहां मांग रहे – करीब 18 गांव से आने-जाने वाले शीशम की घाटी-गाड़वा रोड स्थित हाइवे पर निकलते है। – शीशम की घाटी से पहले डबोक की तरफ मधुफला में और उदयपुर की तरफ तुलसीदास की सराय में हाइवे अंडरपास बना रहा जहां इतने गांव का लिंक नहीं है। – अंडरपास उन दोनों स्थानों पर भले बनाए लेकिन 18 गांव वालों के लिए शीशम की घाटी में अंडरपास की बड़ी जरूरत है। — अंडरपास नहीं होने से खतरें में जान – इन गांवों के लोग हाइवे क्रोस करने के लिए एक किलोमीटर से ज्यादा गलत साइड चलने को मजबूर। – स्कूली बच्चे हाइवे पार कर स्कूल जाते, अभिभावकों को हर समय उनकी जान की चिंता। – अभी छोटे कट से लोग दुपहिया वाहन क्रोस करते है। – बनाए अस्थायी कट से करीब 15 से ज्यादा हादसे हो चुके, कई लोगों की जान गई। — ये विकास भी इस जगह पर – यूआईटी शीशम की घाटी से साकरोदा तक 60 फीट रोड प्रस्तावित है। – यूआईटी इसी रोड पर ढाई करोड़ का बेडच नदी पर पुलिया का निर्माण कर रही है। – तीन स्कूल व एक कॉलेज आसपास। – तीन धार्मिक स्थलों पर जाने का रास्ता भी — इन गांव-ढाणियों को होगा फायदा – रेबारियों की ढाणी – गाडरियों का खेड़ा – गाडवा – आनंदपुरा – रेडिया – तेलियों का रेटा – खेड़ा – मोरियो का कुआ – ठीकरिया – सिहाड़ा – कीरो की मगरी – वकारी मगरी – आंवलिया – चंगेड़ी – रेलड़ा – ओरड़ी – गमेतियों की बस्ती —