
उदयपुर . शहर में पद्मावती फिल्म हर रोज किसी नए विवाद से घिरती जा रही है। सोमवार दोपहर तीन बजे फिल्म पद्मावती के विरोध में जनता सेना ने संस्थापक विधायक रणधीर सिंह भींडर के नेतृत्व में जिलाधीश को ज्ञापन दिया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक ने कहा कि राजस्थान में किसी भी सूरत में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। अपनी बात में उन्होनें कहा कि ये कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है, कानून का भी मामला नहीं है, ये हमारी अस्मिता का मामला है। अगर हमारी रानी पर कोई फिल्म बना रहा है और उसमें कोई भी आपत्तिजनक चीजें डाल रहा है तो हम तो विरोध करेंगे। हमारा यहीं विरोध है।
भींडर ने कहा कि गृहमंत्री कटारिया की कानून व्यवस्था बनाने की बात पर हम साथ हैं, हम सभी कानून को मानने और उसकी पालना करने वाले लोग है लेकिन मां के ऊपर आंच आती है तब हम चिंता नहीं करेंगे। चेतावनी देते हुए भींडर ने कहा कि अगर बात अस्मिता की है तो हम कानून क्या सब कुछ तोड़ देंगे, जिसको जो करना हो कर ले।
गौरतलब है कि इससे पहले भी उदयपुर में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार ने पद्मावती फिल्म को लेकर आपत्ति जताई थी और मेवाड़ के इतिहास को गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगाए थे। मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराजसिंह मेवाड़ ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली पर फिल्म पद्मावती में मेवाड़ के इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाते हुए आक्रोश जताया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में कहा कि फिल्म की अब तक सामने आई कहानी, गानों से लगता है कि उन्होंने सारी हदें पार कर ली है। उसने मेवाड़ के इतिहास से ऐतिहासिक धोखाधड़ी कर व्यावसायिक हितों में उपयोग किया है। भंसाली को फिल्म रिलीज की स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए।
विश्वराजसिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूचना व प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी , एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के अध्यक्ष प्रसून जोशी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि फिल्म निर्माता ने स्पष्ट नहीं किया है कि ऐतिहासिक फिल्म की कहानी का स्रोत क्या है। सूफी कवि मल्लिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत काल्पनिक है। जायसी ने अपनी रचना में ऐतिहासिक पात्रों के नामों का इस्तेमाल किया है, जो अनुचित है।
यह ऐतिहासिक दृष्टिकोण से सही नहीं है। पत्र में कहा कि फिल्म का कथानक मेवाड़ राजपरिवार और इसके इतिहास से संबंधित है, लेकिन फिल्म निर्माता ने इस संबंध में तथ्य सत्यापित करने के लिए राजपरिवार से संपर्क नहीं किया। फिल्म निर्माता ने तथ्यपरक कथानक के लिए न हमसे पूछा और ना ही हमारे परिवार के नाम का इस्तेमाल करने की स्वीकृति ली। हमारे परिवार के नाम और इतिहास का व्यावसायिक इस्तेमाल किया है। यह पूर्णरूप से व्यक्तिगत घृणा का मामला है।
Published on:
13 Nov 2017 05:03 pm
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