scriptvideo: प्रदेश में सरकार क्या बदली: विकास से जुड़े कार्य को अंजाम देने वाले इन लोगों की जेबें हो गई खाली, संवेदकों में गहराया आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी | What changed the government in the state: contractor warning | Patrika News

video: प्रदेश में सरकार क्या बदली: विकास से जुड़े कार्य को अंजाम देने वाले इन लोगों की जेबें हो गई खाली, संवेदकों में गहराया आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी

locationउदयपुरPublished: Feb 21, 2019 10:45:55 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

बजट के अभाव में संवेदकों ने रोके निर्माण कार्य, ऑल राजस्थान कॉन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने दी चेतावनी

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video: प्रदेश में सरकार क्या बदली: विकास से जुड़े कार्य को अंजाम देने वाले इन लोगों की जेबें हो गई खाली, संवेदकों में गहराया आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी

डॉ. सुशील सिंह चौहान/ उदयपुर. प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के साथ ही आमजन के हित जारी सड़क एवं बिल्डिंग जैसे निर्माण कामों को धक्का लगा है। लोक निर्माण विभाग के अधीन जारी निर्माण कार्य लगभग बंद से हो गए हैं। तीन माह से अटके विभागीय बजट के बीच ऑल राजस्थान कॉन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने पूर्व सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत निर्माण कार्य लगभग रोक दिए गए हैं। वित्तीय तंगी के बीच एसोसिएशन की ओर से आगामी दिनों में बजट को लेकर आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई है। कमोवेश उदयपुर संभाग के जिलों में भी निर्माण से जुड़े विकास कार्य लगभग बंद हैं। बजट के अभाव में संवेदकों के स्तर पर आगे के निर्माण कार्य को पूरा करने में असमर्थता जताई जा रही है। दूसरी ओर विभागीय ओहदेदार दबे मुंह खजाना खाली होने की बात कहते हुए नाकाफी बजट जारी करने की दलीलें दे रहे हैं। हकीकत यह है कि संवेदकों के नाम पर विभाग के हिस्से में करीब 16 हजार करोड़ की बाकियात चल रही है।
निविदाओं का बहिष्कार
ऑल राजस्थान कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन ने विभाग के मुख्य अभियंता व अतिरिक्त सचिव के नाम ज्ञापन देकर आगामी दिनों में प्रस्तावित निविदाओं का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। संभाग स्तर पर संभाग मुख्यालय पर आगामी दिनों में रोलर, ट्रैक्टर, ट्रेाले, पेवर्स संचालकों, स्टाफ, मजदूरों के साथ संवेदकों की ओर से धरना प्रदर्शन की कार्ययोजना भी बन रही है। एसोसिएशन का आरोप है कि उन्हें तीन माह से भुगतान नहीं दिया गया। ऐसे में अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने में तकलीफें हो रही हैं।
ओहदेदार भी चिंतित
बालोतरा खण्ड के अधिशासी अभियंता ने अधीनस्थों को पाबंद किया है कि राज्य मद में संचालित सभी कार्य को सुरक्षित स्टेज पर अग्रिम आदेश तक बंद करने की नसीहत दी है। 29 जनवरी को जारी खत में अभियंता ने चेताया कि जैसे रोड साइड झाड़ी कटिंग का कार्य हो गया हो तो संवेदक से पटरी भरने का कार्य नहीं कराया जाए। किसी ने मिट्टी कार्य कर दिया तो ग्रेवल कार्य नहीं कराया जाए। ग्रेवल हो गया हो तो सड़क कार्य नहीं कराएं।
तय की प्राथमिकता
कुछ बजट जारी कर विभ्ज्ञाग के मुख्य अभियंता एमजी माहेश्वरी ने विभाग को कहा है कि भुगतान में छोटे व कम बजट वाले संवेदकों के भुगतान को प्राथमिकता दें। बिलों का भुगतान फस्ट कम फस्ट सर्व के आधार पर हो। जारी साख सीमा में से केवल संवेदकों को भुगतान हो। खण्ड स्तर पर लंबित बिल के पेटे हर संवेदक को आनुपातिक तौर पर भुगतान दिया जाए। (15 फरवरी को जारी पत्र के अनुसार)
जिले वार निर्माण कार्य व लागत
(एमएल 18-19, जीजीपी-4, आरआइडीएफ-24, 15 किमी, एसआरएफ-एनपी, एसआरएफ-एसएचडब्ल्यू, एसआरएफ- एमडीआर के नाम पर विभाग में भुगतान बकाया है।)

जिले का नाम, कुल कार्य, कुल बजट
बांसवाड़ा, 479, 22377 लाख
चित्तौडग़ढ़, 365, 23090 लाख
डूंगरपुर, 276, 23941 लाख
प्रतापगढ़, 186, 26278 लाख
राजसमंद, 219 , 10444 लाख
उदयपुर, 632, 34358 लाख
ऊंट के मुंह में जीरा
विभागीय सूत्रों की मानें तो प्रदेश स्तर पर हाल ही में बकाया निर्माण कार्य के बदले 275 करोड़ का बजट जारी हुआ है। इससे पहले 150 करोड़, सीआरएफ में 120 करोड़, पीएमजीएसवाई में 80 करोड़, जनरल हेड में 2 सौ करोड़ तथा एसआरएफ में नहीं के बराबर बजट जारी हुआ है। यानी कि प्रदेश रोड फंड के नाम पर सरकार के खाते में भुगतान को लेकर बजट नहीं है।
किया है सूचित
भुगतान को लेकर संवेदकों के स्तर पर जाहिर की गई नाराजगी के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। हमारी ओर से अटके कार्य एवं वांछित बजट की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है।
डी.आर. मेघवाल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी संभाग
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