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क्यों नहीं बुजुर्गों को एक फोन पर मिल जाए जरूरी दवा ?

locationउदयपुरPublished: Mar 31, 2020 07:21:09 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– लॉक डाउन में बुजुर्गों को जरूरी दवाओं के लिए हो रही है परेशानी

क्यों नहीं बुजुर्गों को एक फोन पर मिल जाए जरूरी दवा ?

क्यों नहीं बुजुर्गों को एक फोन पर मिल जाए जरूरी दवा ?

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. किसी के घर में बुजुर्ग हो या वे बुजुर्ग जो बिलकुल अकेले है, जिन्हें देखने वाला कोई नहीं है। उनके लिए ये जरूरी है कि तय दवाई उन्हें समय पर उपलब्ध हो जाए। कोरोना संक्रमण के इस दौर में इन बुजुर्गों की ओर देखने वाला कोई नहीं है, हमें ये समझना होगा कि इन वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत क्या है, इनकी समस्याएं क्या हैं। प्रशासन या चिकित्सा विभाग चाहे तो उनकी जान को पहले से ज्यादा सुरक्षित कर सकता है।
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-कोविड 19 को लेकर पहले से ही कहा जा रहा है कि बुजुर्गों की जान को सबसे बड़ा खतरा है, इसलिए कि बढ़ती उम्र में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम उम्र के लोगों से काफी घट जाती है, ऐसे में यह जरूरी है कि प्रशासन व कुछ समाजजन ये ये बीड़ा उठाएं कि हमारे घर किसी का पिता तो किसी के दादा, किसी की मां तो किसी की दादी, किसी के नाना-नाई, ताऊ, भुआ, फूफा व चाचा-चाची पूरी तरह सुरक्षित बने रहे। इसके लिए ज्यादा तो कुछ नहीं लेकिन ये किया जा सकता है कि उन्हें समय पर जरूरत की दवा मिल जाए।

जारी करने चाहिए नियंत्रण कक्ष में अलग से नम्बर कोरोना नियंत्रण को लेकर कक्ष बनाया गया है, इसमें ये किया जा सकता है कि इन बुजुर्गों के लिए अलग से नम्बर जारी किए जाए। ताकि वे इस नम्बर का इस्तेमाल कर अपनी दवाओं को समय पर मंगवा सके। चिकित्सा विभाग इसके लिए बकायदा टीम भी बना सकता है।
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जब प्राइवेट हॉस्पिटल मरीज ला सकते हैं तो ये क्यों नहीं हो सकताशहर के दो प्राइवेट हॉस्पिटलों ने बीच में मोबाइल बाइक सेवा की शुरुआत की थी, इसमें उन्होंने मरीजों को किसी भी जगह से या सकड़ी गलियों से भी हॉस्पिटल ले जाने की शुरुआत की थी, इसके लिए मरीजों को धर से केवल एक फोन ही करना पड़ता है। अब भी जिला प्रशासन किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल के साथ मिलकर भी ये शुरुआत कर सकता है। ये कार्य संबंधित पुलिस के माध्यम से भी किया जा सकता है, बस विभाग की ओर से अधिकृत नम्बर जारी किए जाए।

जो वरिष्ठ नागरिक अकेले है उनकी व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरकार की है। एक्ट में बीट व्यवस्था के अंतर्गत सरकार उनकी देखभाल करती है। अभी जो सामाजिक संगठन कार्यकर्ता काम कर रहे है वो प्रतिदिन दोनों समय उनकी जानकारी ले तो बहुत बड़ी सेवा होगी। हमारा संगठन महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान पेंशनर समाज उदयपुर एवम् वरिष्ठ नागरिकों के अन्य संगठन को भी जानकारी प्राप्त होगी तो निश्चय ही हम उनकी मदद करने का प्रयास करेंगे।- भंवर सेठ, स्टेट प्रेसिडेंट वरिष्ठ नागरिक संगठन
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सरकार का ये कर्तव्य बनता है कि जो बुजुर्ग है उनका ख्याल रखे, तत्काल उन्हें ये सुविधा देनी चाहिए, एक नम्बर जारी करना चाहिए जो इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवा दें। सरकार कहती तो है, लेकिन करती नहीं, स्थानीय जिला प्रशासन इसमें तुरन्त निर्णय ले सकता है।
– सीएल कच्छारा

-जिला प्रशासन को इस तरह का काम तत्काल करना चाहिए। इससे बुजुर्गों को राहत मिलेगी। उनकी सेहत को काफी फायदा होगा।

– प्रो बीएल वर्मा

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अधिकांश लोग जो पेंशनर्स है उन्हें काफी समय से समस्या आ रही है, फिलहाल चिकित्सक के पास नहीं जा सकते हैं, दवाई लानी है तो कैसे लाए, यदि नम्बर जारी किया जाता है तो वह लगना भी चाहिए, ताकि कुछ राहत मिल सके। मैंने ऑनलाइनकुछ दवाइयां मंगवाई हैं, लेकिन अभी तक मिली नहीं हैं। – नवल पगारिया
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