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सुविवि में होगा देश का पहला स्पिरिच्युअल नॉलेज टेम्पल, प्राचीन भारतीय शिक्षण शैली का कराएगा परिचय

मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय में गुरुकुल शैली से शिक्षा देने की योजना पर काम चल रहा है।

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mlsu

worlds first spiritual knowledge temple at MLSU udaipur

उदयपुर. मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय में गुरुकुल शैली से शिक्षा देने की योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए जल्द ही स्पिरिच्युअल नॉलेज टेम्पल (एसएनटी) यानी आध्यात्मिक ज्ञान मंदिर की स्थापना की जाएगी। दावा किया जा रहा है कि अपने आप में अनूठा होने के साथ यह देश का पहला नॉलेज टेम्पल होगा। एसएनटी में विद्यार्थी और पुस्तक-साहित्य प्रेमी दुनिया के किसी भी धर्म ग्रंथ का अध्ययन कर सकेंगे।

गुरुकुल परम्परा के अनुसार व्यवस्था के तहत अध्यनकर्ता को जूते उतारने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। बिल्कुल वैसे, जैसे किसी पवित्र स्थल पर जाने के नियम हैं। टेम्पल में एक भी कुर्सी नहीं होगी। चुने गए ग्रंथ को लकड़ी की तख्ती पर रख जमीन पर बैठकर अध्ययन करना होगा। जयपुर से विशेष काउंटर भी मंगवाया गया है। टेम्पल में प्रवेश के बाद अध्यययनकर्ता को अपनी सामान्य जानकारी काउंटर पर दर्ज करानी होगी। विश्वविद्यालय का मानना है कि इस नवाचार से अध्ययन में नएपन के साथ रोचकता आएगी। विद्यार्थी गुरुकुल परम्परा को समझने के साथ आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध बनेंगे और अनुशासन की भावना में विकास होगा।


सभी धर्म मानव कल्याण और शांति का पथ प्रशस्त करते हैं। इसलिए विश्वविद्यालय ने यह विशेष योजना बनाई है। स्पिरिच्युअल टेम्पल का सितंबर में लोकार्पण कर दिया जाएगा। तैयारी चल रही है।
प्रो. जे.पी. शर्मा, वीसी, सुविवि

पलब्ध होगी हर धार्मिक किताब

विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित केन्द्रीय पुस्तकातकालय के एक हिस्से को नॉलेज टेम्पल के लिए खाली किया गया है। उप पुस्तकालय अध्यक्ष रामकेश मीणा के अनुसार यहां सिर्फ आध्यात्मिक साहित्य सामग्री उपलब्ध रहेगी। वेद, ग्रंथ, उपनिषद, पुराण, गीता, रामायण, बाइबल, कुरान आदि के अलावा वे पत्र-पत्रिकाएं भी होंगी, जो धर्म-मतों से जुड़ी हैं। कम्प्यूटर में सभी धर्म ग्रंथों की सूची उपलब्ध रहेगी।

पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. हनुमान प्रसाद ने बताया कि इस नई पहल से सभी आध्यात्मिक ग्रंथ एक जगह अध्ययन के लिए उपलब्ध हो सकेंगे। विद्यार्थियों में भी अनुशासन की भावना आएगी।