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आखिर क्यों फिर विवादों में विक्रम विहार कॉलोनी से गुजर रहे नाले का निर्माण, पढ़े खबर…

१० फीट जगह छोड़ बना रहे नाले की दीवार, ताकि खाली जगह में कॉलोनाइजर बगीचा बना सके

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उज्जैन. सांवेर रोड स्थित देशमुख हॉस्पिटल के पीछे निर्माणाधीन नाला फिर विवादों में पड़ गया है। अब इसकी दीवार विक्रम विहार कॉलोनी की परिधि से १० फीट जगह छोड़कर बनाई जा रही है। क्षेत्रीय पार्षद की आपत्ति पर कुछ दिन काम रुका, लेकिन अब उसी जगह निर्माण शुरू हो गया। आरोप है कि कॉलोनाइजर इस जगह में कॉलोनी का बगीचा बनाना चाहता है, इसी फेर में नाला छोटा बनाकर रिक्त भूमि कॉलोनी भाग में छोड़ी जा रही है।
वार्ड ४७ अंतर्गत विक्रम विहार कॉलोनी से सटकर हो रहे नाला निर्माण का आकार छोटा करने को लेकर पहले काफी विवाद हुआ था। तब काम रोककर बगीचे के लिए किया विवादित भराव हटा दिया था। ताकी नाला निश्चित चौड़ाई पर बन सके, लेकिन अब कतिपय रसूखदारों के दबाव में कॉलोनी की परिधि से १० फीट जगह छोड़कर निर्माण शुरू कर दिया गया। ताकि शेष भूमि पर कॉलोनाइजर टीएंडसीपी में स्वीकृत लेआउट मुताबिक बगीचा बना सके।
बंधक भूखंड मुक्त तभी होंगे
विक्रम विहार कॉलोनी में दो बगीचे प्रस्तावित हैं। एक तो बन चुका लेकिन दूसरे के लिए ये जद्दोजहद चल रही है। निगम कॉलोनी सेल के पास १० प्लॉट मॉर्टगेज हैं। यह तभी मुक्त होंगे जब कॉलोनी में विकास कार्य पूर्ण हो सकेंगे। यदि दूसरा बगीचा निर्मित नहीं हुआ तो ये प्लॉट नहीं छूटेंगे।
महापौर मद से २५ लाख
कॉलोनी के पास बन रहे नाले के लिए महापौर मीना जोनवाल ने अपना २५ लाख रुपए का मद दिया है। जबकि इसमें क्षेत्रीय पार्षद से कोई मांग या मशविरा नहीं हुआ। कुछ माह तक काम बंद रहा, लेकिन अब ऊपरी दबाव में इंजीनियरों ने इसे फिर शुरू करा दिया।
यदि नाला चौड़ा बनता है तो भविष्य के लिए उपयोगी साबित होगा। वेद नगर व आसपास की दर्जनों कॉलोनियों का डे्रनेज इससे निकलता है, लेकिन निगम अधिकारी महापौर के दबाव में अनावश्यक जगह छोड़कर इसका निर्माण करवा रहे हैं। ताकि कॉलोनाइजर को लाभ मिल सकें।
विजयसिंह दरबार, क्षेत्रीय पार्षद, वार्ड ४७
नाला ११ मीटर की निश्चित चौड़ाई से बन रहा है। टेंडर भी इसी मान से था। हमारी मंशा किसी को लाभ या हानि पहुंचाने का नहीं।
योगेंद्र गंगराड़े, प्रभारी एई, ननि जोन ६