
Amit Shah
उज्जैन. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भांजा बनकर शहर के भाजपा विधायक के पीए को ठगने और ट्रेन में यात्रा के दौरान सवा ग्यारह लाख रुपए के जेवर चोरी होने की जीआरपी में झूठी रिपोर्ट लिखाने वाले बदमाश को बुधवार दोपहर सीजेएम चंद्रकिशोर बारपेटे ने ४ साल की सजा सुनाते हुए १ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में बदमाश के खिलाफ २९ जुलाई २०१६ को माधवनगर थाना पुलिस ने ४२० और ४१९ की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। मीडिया सेल प्रभारी मुकेश कुमार कुम्हारे ने बताया कि २६ जुलाई को आरोपी यश उर्फ विराज शाह पिता अश्विन अमित शाह निवासी देहग्राम जिला गांधीनगर गुजरात ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भांजा बताकर विधायक मोहन यादव के पीए नरेश पिता कुंदनलाल शर्मा (५२) निवासी फ्रीगंज से ६५ हजार रुपए नकद व १५ हजार का मोबाइल ठग लिया था।
यश उर्फ विराज ने २५ जुलाई २०१६ की सुबह जीआरपी थाना पहुंच कर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि शांति एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान अज्ञात बदमाश उनका ट्रॉली बैग चुरा ले गया, जिसमें सवा ग्यारह लाख रुपए के जेवर और लैपटॉप सहित अन्य सामान है। यश ने तत्कालीन जीआरपी टीआई दीपक शेजवार को बताया था कि वह अमित शाह का भांजा है। इस पर शेजवार ने भी यश की खातिरदारी कर चाय नाश्ता करवाया। बाद में अमित शाह के नकली भांजे ने विधायक के पीए नरेश शर्मा को झांसे में लेकर ६५ हजार रुपए नकद व १५ हजार रुपए का मोबाइल ले लिया और कहा कि मामा से कहकर जाते ही आपके रुपए लौटा दूंगा। नरेश शर्मा ने भी अमित शाह का भांजा समझ रुपए दे दिए। इसके बाद २८ जुलाई २०१६ के अंक में पत्रिका ने इस बात का खुलासा किया था कि विराज अमित शाह का भांजा नहीं है। इसके बाद जीआरपी ने विराज को गुजरात से दबोच लिया। उसके खिलाफ माधवनगर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। सजा सुनाते समय न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी का कृत्य उदारता के लायक नहीं है। जिसे ४ साल के सश्रम कारवास की सजा सुनाई है।
Published on:
19 Apr 2018 08:02 am
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
