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सांसदों व विधायकों की नयी रणनीति से बीजेपी हुई परेशान, आसान नहीं होगा पार्टी का निर्णय करना

लोकसभा चुनाव से पहले ही बनाने लगे हैं दबाव, सहयोगी दलों ने भी खोला हुआ है मोर्चा

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Amit Shah

Amit Shah

वाराणसी. सांसदों व विधायकों की नयी रणनीति से बीजेपी परेशान हो गयी है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सभी ने अपने दांव खेलने शुरू कर दिये हैं। सहयोगी दल सुभासपा ने पहले से ही यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, ऐसे में बीजेपी के लिए बड़ा निर्णय लेना आसान नहीं होगा। बीजेपी जरा भी गलती करती है तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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केन्द्र की सत्ता पर फिर से कब्जा जमाने के लिए बीजेपी का यूपी में शानदार प्रदर्शन करना बहुत जरूरी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इस बात को जानते हैं इसलिए उन्होंने यूपी पर खास फोकस किया हुआ है। पिछले छह माह से बीजेपी में किसी तरह की दिक्कत नहीं थी लेकिन कुछ दिनों से विभिन्न मुद्दों को लेकर सांसद व विधायकों ने पार्टी से अलग जाकर अपनी राय रखनी शुरू कर दी है। यूपी की कानून व्यवस्था, दलित व पिछड़ों का उत्पीडऩ, अधिकारियों की मानमानी आदि ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर बीजेपी के लोग ही खुल कर बोलने लगे हैं। बीजेपी के लोगों की यह बाते खास ध्यान में रख कर की जा रही है। लोकसभा चुनाव 2019 में कुछ सांसदों का टिकट कटना तय है और कुछ सांसद व विधायकों को अपने परिजनों के लिए टिकट चाहिए। ऐसे में वह बीजेपी पर बयानबाजी करके बीजेपी पर दबाव बनाने में जुटे गये हैं।
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20 से अधिक सांसदों का टिकट कटना तय
यूपी में बीजेपी के 20 से अधिक सांसदों का टिकट कटना तय है। यह ऐसे सांसद होंगे, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में सक्रियता नहीं दिखायी होगी। बीजेपी ने ऐसे सांसदों के लिए खास योजना बनायी है। टिकट काटे जाने वाला सांसद किसी खास जाति का होगा तो उसी जाति या फिर उसी वर्ग के किसी अन्य जाति के प्रत्याशी को टिकट दिया जायेगा। इसका उद्देश्य सांसद का टिकट कटने के बाद पार्टी का जनाधान कम होने से रोकना है।
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सपा व बसपा के गठबंधन के कारण भी बीजेपी पर हमलावर हो रहे नेता
बीजेपी के सहयोगी दल अनुप्रिया पटेल के अपना दल व ओमप्रकाश राजभर के सुभासपा के पास सपा व बसपा गठबंधन में जाने का भी मौका है भले ही वह ऐसा न करें, लेकिन बीजेपी छोड़ कर गठबंधन में जाने की बात कह कर अपनी सीट तो बढ़वा ही सकते हैं। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने बीजेपी से दस लोकसभा सीट देने की मांग की है जबकि अपना दल भी इससे कम सीट नहीं मांगने वाली है। बीजेपी के ही सांसद व विधायकों को लग रहा है कि यदि उनकी बात पार्टी में नहीं सुनी जाती है तो उन्हें सपा व बसपा के लोग अपनी पार्टी में शामिल कर सकते हैं इसके चलते भी ऐसे लोग खुल कर अपनी बात कह रहे हैं। बीजेपी में अभी तक शांत रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी सीएम योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के टिकट बंट जाने के पहले तक पार्टी में ही रह कर विरोध करने वालों की संख्या में इजाफा होना तय है।
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