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मोहनखेड़ा तीर्थ से हुई भविष्यवाणी : प्राकृतिक विपदा…मंगल-राहू संयोग

10 जुलाई तक वक्री है एवं शनि अपै्रल से सितंबर 2018 तक वक्री एवं जून से अगस्त तक मंगल वक्री रहेंगे।

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उज्जैन. मोहनखेड़ा तीर्थ के ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर ऋषभचंद्रविजय मसा द्वारा घोषणा की गई है कि 2 मई 2018 से 6 नवंबर तक मंगल ग्रह, मकर राशि में केतु के साथ व राहू कर्क राशि में आमने-सामने का संयोग रहेगा। शुभ ग्रह गुरु 10 जुलाई तक वक्री है एवं शनि अपै्रल से सितंबर 2018 तक वक्री एवं जून से अगस्त तक मंगल वक्री रहेंगे।

खंड वृष्टि, भूकंप और तूफान
मंगल-राहू के संयोग के कारण देश-विदेश में जनता को प्राकृतिक विपदा, भीषण गर्मी, आगजनी, भूकंप, सुनामी, आंधी-तूफान, अतिवृष्टि एवं खंड वृष्टि के कारण पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है। कर्क राशि के क्षेत्र के अंतर्गत न्यायालय एवं शासक के बीच तनाव, देश-प्रदेश के मंत्रीमंडलों के सदस्यों में वाक युद्ध से कलह तथा जल्दबाजी में लिए गए निर्णयों से जनता व व्यापारियों में असंतोष रहेगा। इसके अलावा खंड वृष्टि, भूकंप और तूफान जैसी परिस्थियां भी बन सकती हैं।

ये है मकर राशि क्षेत्र
मकर राशि क्षेत्र के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, बंगाल, मध्यप्रदेश, मुंबई, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान के क्षेत्र विशेषों में अपना प्रभाव बनाएंगे, जिसकी कल्पना जनता ने या किसी ने नहीं की होगी। दक्षिण भारत भी अछूता नहीं रहेगा। कुत्सित मानसिकता के अपराध बढ़ेंगे।

नेताओं से उठेगा जनता का विश्वास
नेताओं के स्तर में गिरावट से जनता में विश्वास घटेगा। कर्क रेखा पर अवंतिका उज्जैन अर्थात मप्र उपरोक्त तारीखों में विशेष प्रभावित होगा। दुर्घटनाओं एवं नशीले पदार्थों के सेवन से सृष्टि पर अपमृत्यु होगी। पुलिस सेवा व प्रशासकीय वर्ग विशेष पीडि़त होगा। यह घोषणा मोहनखेड़ा तीर्थ के मुनिप्रवर ऋषभचंद्रविजय मसा द्वारा की गई है। देशकाल-परिस्थिति व ग्रहयोग अनुसार राष्ट्र में अनेक संकटों का सामना करना पड़ सकता है। महंगाई, भ्रष्टाचार, आर्थिक स्थिति, प्राकृतिक विपदा, घास-पानी, बिजली की कमी दूर होकर पर्याप्त उत्पादक के लिए हिंसा, रक्तपात, बमकांड तथा असुरक्षा जैसे वातावरण निर्मित हो सकते हैं। मंगल-केत? योग ग से हिंसा, रक्तपात, आगजनी, तोडफ़ोड़ और दुर्घटनाएं होंगी। कर्क राशि के क्षेत्र के अंतर्गत न्यायालय एवं शासक के बीच तनाव, देश-प्रदेश के मंत्रीमंडलों के सदस्यों में वाक युद्ध से कलह तथा जल्दबाजी में लिए गए निर्णयों से जनता व व्यापारियों में असंतोष रहेगा। इसके अलावा खंड वृष्टि, भूकंप और तूफान जैसी परिस्थियां भी बन सकती हैं।