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सावन माह में इस बार उज्जैन आने का और बढ़ा आकर्षण, सामने आया बड़ा अपडेट

Mahakal- इस बार सावन और भादो माह में महाकाल की पूजा और दर्शन के लिए उज्जैन आने का आकर्षण और बढ़ गया है। महाकालेश्वर की सवारियां इस बार और अधिक भव्य रूप में निकाली जाएगी।

Attraction of visiting Ujjain in the month of Sawan has increased
Attraction of visiting Ujjain in the month of Sawan has increased- फोटो- social media

Mahakal- इस बार सावन और भादो माह में महाकाल की पूजा और दर्शन के लिए उज्जैन आने का आकर्षण और बढ़ गया है। महाकालेश्वर की सवारियां इस बार और अधिक भव्य रूप में निकाली जाएगी। सभी महाकाल सवारियां की अलग-अलग थीम पर होंगी। सावन माह में रोज शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे जिसमें देश—प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकार शामिल होंगे।

महाकाल की पहली सवारी 14 जुलाई, दूसरी सवारी 21 जुलाई, तीसरी सवारी 28 जुलाई, चौथी सवारी 4 अगस्त, पांचवीं सवारी 11 अगस्त और राजसी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी। प्रत्येक सवारी की थीम अलग-अलग होगी।

पहली सवारी में पालकी में श्री मनमहेश, दूसरी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश, तीसरी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव होंगे। चौथी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव और नंदी रथ पर श्री उमा महेश विराजित होंगे।

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पांचवी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश और रथ पर श्री होलकर स्टेट तथा राजसी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर ,हाथी पर श्री मन महेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश, रथ पर श्री होलकर स्टेट और रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के रूप में भगवान विराजित होंगे।

पहली सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर निकाली जाएगी। इस दौरान रामघाट और दत्त अखाड़ा पर बटुकों द्वारा भव्य वैदिक उद्घोष किया जाएगा और बटुकों द्वारा सवारी मार्ग में वैदिक उद्घोष किया जायेगा। दूसरी सवारी में लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसमें लोक नृत्य मटकी नृत्य मध्यप्रदेश, गणगौर नृत्य राजस्थान, बिहू नृत्य आसाम, भवाई नृत्य गुजरात, पुलियाट्म या टाइगर नृत्य कर्नाटक की प्रस्तुति रामघाट पर दी जाएगी।

तीसरी सवारी में पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड और निजी बैंड के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। चौथी सवारी में पर्यटन की थीम पर मांडू के महल, सांची के स्तूप, खजुराहो के शिव मंदिर, देवी अहिल्या किला महेश्वर, भीमबेटका, ग्वालियर का किला, उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा बाग की गुफाएं, धार की झांकियां निकाली जाएंगी।

भगवान महाकालेश्वर की पांचवीं सवारी धार्मिक थीम पर रहेगी जिसमें श्री कृष्ण पाथेय और प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों व मंदिरों की झांकी निकाली जाएंगी। राजसी सवारी में 70 से अधिक भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।

रोज शाम को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां

श्री महाकाल महालोक में सावन माह में रोज शाम को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। श्रावण महोत्सव में इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त 13 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक 23 दिवसों में (श्रावण महोत्सव के दिन, सवारी के दिन, नाग पंचमी और 15 अगस्त को छोड़कर) श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या नाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।