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अब हार्ट अटैक आने से पहले ही ALERT कर देगी ये डिवाइस, Cardiac Arrest से नहीं जाएगी जान

Heart Attack Alert: एमपी की धार्मिक नगरी उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के डॉ. विष्णु कुमार सक्सेना ने किया शोध, बनाई कार्डियक अरेस्ट अलार्मिंग डिवाइस, अब हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट या साइलेंट अटैक से नहीं जाएगी किसी की जान, जानें कैसे करती है काम...

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Heart Attack Alert

Heart Attack Alert or Cardiac Arrest Alarming Device

Heart Attack Alert: आजकल हार्ट अटैक आना आम बात हो गई। प्रदेश ही नहीं, देशभर में इसके आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। लोग फिट रहने और सामान्य दिनचर्या होने के बाद भी इसके शिकार हुए हैं। कई तो ऐसे मामले सामने आए हैं, जो नाचते, गाते और बाजार में सामान खरीदने के दौरान दिल की धड़कन रुकने से मौत का शिकार हुए हैं।

व्यक्ति की देखभाल करने वाले को करेगी अलर्ट

इस तरह के मामलों से बचने के लिए विक्रम विवि के डॉ. विष्णु कुमार सक्सेना ने कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध कार्य किया है। इस खोज के चलते उन्होंने ऐसी डिवाइस बनाई, जो अटैक आने से पहले व्यक्ति की देखभाल करने वाले को तत्काल अलर्ट कर देगी, जिससे समय रहते व्यक्ति की जान बचाई जा सके।

डॉ. सक्सेना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कॉर्डियक अरेस्ट अलर्टिंग डिवाइस का भारतीय पेटेंट प्राप्त किया है। यह डिवाइस हृदय गति, ऑक्सीजन संतृप्ति और श्वसन पैटर्न को ट्रैक कर त्वरित चेतावनी जारी करने में सक्षम है। इससे आपातकालीन सेवाओं और देखभाल कर्ताओं को तत्काल सूचना मिलती है, जिससे जीवन बचाने की संभावना बढ़ जाती है।

सटीक जीपीएस स्थान दर्शाता है

रोगी को बचाने में त्वरित कार्रवाई के लिए सटीक जीपीएस स्थान दर्शाता है। यह उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत स्वास्थ्य और रोग निरोधी सिफारिशें प्रदान करने के लिए चिकित्सा प्लेटफ़ॉर्म के साथ भी एकीकृत होता है। निरंतर निगरानी और तत्काल प्रतिक्रिया क्षमताओं की पेशकश करके, यह हृदय संबंधी आपात स्थितियों में महत्वपूर्ण समय अंतराल को कम करता है, जिससे मनुष्य के बचने की संभावना बढ़ जाती है।

कैसे की यह रिसर्च

डॉ. सक्सेना ने यह रिसर्च प्रो. शशांक पुष्कर बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मेसरा झारखण्ड, राजुल सक्सेना आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन, दिव्यांशु सक्सेना सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ कर्नाटक, उत्कर्ष सक्सेना शासकीय श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा के साथ मिलकर तैयार की है। कुलगुरु प्रो. डॉ अर्पण भारद्वाज, कुलसचिव डॉ. अनिल शर्मा, कार्यपरिषद सदस्य राजेशसिंह कुशवाह, वरुण गुप्ता, डॉ संजय वर्मा, कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ एमएल गोखरू, वित्त-नियंत्रक जे एस तोमर, आईक्यूएसी निदेशक प्रो डॉ डी डी बेदिया ने डॉ. सक्सेना की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है।

Cardiac Arrest Alarming Device कैसे करती है काम

डॉ. सक्सेना के अनुसार मनुष्य की जीवनशैली, उनकी उम्र और पारिवारिक इतिहास, हृदय रोग व दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कॉर्डियक अरेस्ट अलर्टिंग डिवाइस के एक नए डिज़ाइन के आविष्कार में उन्नत बायोमेट्रिक सेंसर शामिल है। यह हृदय गति, ऑक्सीजन सेचुरेशन और श्वसन पैटर्न जैसे महत्वपूर्ण संकेतों को ट्रैक करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए, कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती संकेतों का पता लगाता है और तुरंत आपातकालीन सेवाओं, देखभाल करने वालों को सूचित करता है।

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