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17 अप्रैल को कोर्ट में पेश होगी उषा राज की बेटी उत्कर्षणी, अब पुलिस को बिट्टो के प्रेमी की तलाश

करोड़ों के पीएफ गबन मामले में जेल में बंद केंद्रीय जेल भैरवगढ़ जेल अधीक्षक की बेटी उत्कर्षणी उर्फ बिट्टो उर्फ पावली देवास जेल में बंद है। पुलिस को उत्कर्षणी की सहेली के यहां से लाखों के हीरे जेवरात मिलने के बाद अब उत्कर्षणी के प्रेमी की तलाश है, उम्मीद है कि उसके पास से भी गबन की राशि मिल सकती है।

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17 अप्रैल को कोर्ट में पेश होगी उषा राज की बेटी उत्कर्षणी, अब पुलिस को बिट्टो के प्रेमी की तलाश

17 अप्रैल को कोर्ट में पेश होगी उषा राज की बेटी उत्कर्षणी, अब पुलिस को बिट्टो के प्रेमी की तलाश

उज्जैन. करोड़ों के पीएफ गबन मामले में जेल में बंद केंद्रीय जेल भैरवगढ़ जेल अधीक्षक की बेटी उत्कर्षणी उर्फ बिट्टो उर्फ पावली देवास जेल में बंद है। उन्हें 17 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया जाएगा, कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई होगी, पुलिस को उत्कर्षणी की सहेली के यहां से लाखों के हीरे जेवरात मिलने के बाद अब उत्कर्षणी के प्रेमी की तलाश है, उम्मीद है कि उसके पास से भी गबन की राशि मिल सकती है।

17 अप्रैल को कोर्ट में पेश होगी उषा राज की बेटी उत्कर्षणी

केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में पीएफ गबन कांड की मुख्य आरोपी उषा राजे की बेटी उत्कर्षिनी उर्फ बिट्टो उर्फ पावली को देवास जेल भेज दिया। बिट्टो ने भी उसकी मां और मुंह बोले मामा जगदीश की तरह केंद्रीय भैरवगढ़ जेल जाने से इनकार किया और इंदौर जेल जाने की मांग की थी, परंतु कोर्ट ने देवास जेल के लिए वारंट बनाया। अब बिट्टो को 17 अप्रेल को फिर से उज्जैन कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसी दिन उषा राजे की भी तारीख है। अब एसआइटी को बिट्टो के एक प्रेमी की तलाश है, जो भोपाल में रहता है। आशंका है कि फरार रहने के दौरान बिट्टो ने प्रेमी के पास जेवर व नकदी छिपाकर रखी है। फिलहाल जो जेवर बरामद हुए हैं, वह बिट्टो ने इंदौर में रहने वाली सहेली के यहां छिपाकर रखे थे। इसके साथ बिट्टो के पास से फिलहाल 468 ग्राम सोना और चार किलो करीब चांदी, हीरे जड़ित दो अंगुठियां मिली हैं। इनकी कीमत 32 लाख 53 हजार के आसपास बताई जा रही है।

और आरोपी आएंगे सामने, जल्द होगी गिरफ्तारी

एसआइटी से मिली जानकारी के अनुसार इस गबन कांड में फिलहाल 30 प्रतिशत जांच हुई है, अभी जांच के कई पहलू सामने आएंगे। इसमें और भी आरोपी सामने आए हैं। इन आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इसके अलावा आरोपियों के परिवार वाले भी हैं, जिनके पास गबन का रुपया रखा है। पांच दिनों में पुलिस के पास ऐसे लोग भी पहुंचे, जिन्होंने रिपुदमन, जगदीश व गबन में शामिल अन्य लोगों से रुपए उधार लिए थे। इन लोगों ने दोस्तों को प्रसाद की तरह रुपए बांट दिए। इनमें जगदीश के कुछ साथी भी शामिल हैं, जिनके आपराधिक रेकॉर्ड है। इसमें नीलगंगा के एक बदमाश सहित दानीगेट के व्यक्ति का भी नाम सामने आ रहा है।

ऑडिट टीम पर खड़े हो रहे सवाल

इधर, जेल डीजीपी अरविंद कुमार ने मंगलवार को ऑडिट टीम भेज कर जेल का लेखा जोखा खंगालने के आदेश दिए हैं। दो दिन से ऑडिट टीम यह जानकारी लगा रही है कि किस प्रहरी के जीपीएफ, एमपीटीसी और पेंशन खाते से कितना रुपया निकाला गया। हालांकि इसको लेकर ऑडिट टीम पर भी सवाल खड़ेे हो रहे हैं कि जेल में हर साल ऑडिट होता है फिर यह गबन कांड ऑडिट टीम के सामने क्यों नहीं आया? या ऑडिट टीम ने इस गबन को नजरअंदाज किया। हालांकि इसे लेकर टीम के अधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं।


ऑडिट में पूर्व अधीक्षक का भी गबन सामने आया

भोपाल से आई ऑडिट टीम 2 दिन से गबन कांड की जांच कर रही है। इस जांच में नया खुलासा हुआ है। पूर्व जेल अधीक्षक अलका सोनकर का भी गबन सामने आ रहा है। ऑडिट टीम के सूत्रों के अनुसार सोनकर के समय 23 जीपीएफ, एमपीटीसी और पेंशन खातों से राशि निकाली गई। वहीं पुलिस की एसआइटी और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भी कहा था कि यह गबन 2018 से चल रहा है। तब अलका सोनकर ही जेल अधीक्षक हुआ करती थीं। अलका सोनकर के समय ही जेल में बैठकर साइबर ठग लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल के माध्यम से देश-विदेश के खाते हैक कर रहा था। इस मामले के सामने आने के बाद सोनकर को इंदौर जेल भेज दिया गया था।


कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने आरेापी जगदीश परमार पिता हीरालाल परमार निवासी 15 अरिहंतधाम कॉलोनी उज्जैन का 12 बोर बंदूक दो नाल शस्त्र लाइसेंस तत्काल निरस्त करने के आदेश जारी किए। शस्त्र लाइसेंस तत्काल सम्बन्धित थाने पर जमा कराने एवं जमा रसीद की प्रति कलेक्टर कार्यालय को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि जगदीश परमार पर भैरवगढ़ थाना में धारा-420, 384, 385, 386, 506 में कुल तीन अपराध दर्ज हैं।

पुलिसकर्मियों से रहे संबंध - जगदीश का कई पुलिस अधिकारियों, सभी थानों के टीआइ और पुलिसकर्मियों के साथ उठना बैठना रहा है। पिछले दिनों जगदीश ने जन्मदिन पर भव्य पार्टी रखी, जिसमें दर्जनों पुलिसकर्मी और 7 थानों के टीआइ ने शिरकत की थी। जगदीश को महंगे गिफ्ट भी दिए थे। कई महिला पुलिसकर्मियों को उसने उषा राजे की तरह बहन बना रखा है। आरोपी होने के बाद भी उसे बंदूक का लाइसेंस मिल गया था। लाइसेंस के लिए जिले के अधिकारियों ने रिकमंडेशन की है।



रामसिंह का भी लाइसेंस निरस्त : कलेक्टर ने रामसिंह (65) पिता दरियाव सिंह राजपूत निवासी महू के खिलाफ उन्हेल में धारा-336 भादवि, धारा-25(1बी), 30 में केस दर्ज होने पर शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया है।

इस गबन काण्ड की फिलहाल 30 प्रतिशत जांच हुई है अभी जांच बाकी है और भी आरोपी सामने आए हैं, जिन्हें गिरफ्तार करना है।

-डॉ. इंद्रजीत बाकलवार, एएसपी और एसआइटी प्रभारी

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