इसके साथ ही उसे लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल उपलब्ध कराया जाता था। यहीं स्पेशल कैबिन में बैठकर बंदी देशी और विदेशी खाते हैक कर 7 प्रहरी और तीन कैदियों के खातों में रुपए ट्रांसफर करता था। इस मामले में पूर्व जेल अधीक्षक अलका सोनकर से भी विभागीय जांच के तहत पूछताछ की जाएगी। इस संबंध में जेल डीजी ने कहा कि उनसे भी पूछताछ करने के लिए तलब किया है। वहीं यह भी जानकारी लगी है कि साइबर सेल की एसआइटी भी पूर्व जेल अधीक्षक से पूछताछ कर सकती है।
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विभागीय जांच में इनके बयान
शनिवार को जेल मुख्यालय से केंद्रीय. भैरवगढ़ जेल पहुंचे डीआइजी व उनकी टीम ने जेल प्रहही पूनम, सुनीता चौहान, उषा आर्य, ओमप्रकाश सिंह, रामसुमिरन मिश्रा, मतीन कुरैशी, ललित मोहन आर्य व कैदी संतोष पाटीदार, राकेश राय व एक अन्य कैदी के बयान लिए हैं। इनके बयानों की रिपोर्ट अब डीआइजी संजय पांडे सोमवार को जेल डीजी को सौंपेंगे।
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जेलर का लैपटॉप जब्त
जानकारी लगी है कि एसआइटी ने संतोष लड़िया का लैपटॉप महिला जेल प्रहरी के पास से जब्त किया है, जिससे हैकर अमर अग्रवाल देशी विदेशी खाते है करता था। जेलर ने एसआइटी को बरगलाने के लिए नया खरीदा लैपटॉप दे दिया था, बाद में जानकारी लगाने के बाद जेल प्रहरी सुनीता चौहान के घर से लैपटॉप जब्त किया, जिसे एसआइटी ने जब्त किया है।
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जमानत के बाद भी बांड नहों भर पाए अधिकारी तो हुआ खुलासा
फरवरी 2018 में महाराष्ट्र के गांव हिवरा पहाड़ी थाना पिंपलनेर बीड़ के रहने वाले साइबर क्राइम एक्सपर्ट और बैंक अकाउंट हैकर अमर अनंत अग्रवाल को भैरवगढ़ जेल भेजा गया था। यहां आरोप है कि सहायक जेल अधीक्षक सुरेश गोयल, जेलर संतोष लडिया व अन्य जिम्मेदारों ने मिलकर उसे लैपटॉप व इंटरनेट मुहैया करवा देशी और विदेशी खाते हैक करवा 7 प्रहरी और तीन कैदियों के खातों में लाखों रुपए की देशी और विदेशी करंसी ट्रांसफर करवाई।
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इसके बदले जेल अधिकारियो को उसकी जमानत करवाना थी। परंतु आरोपी की जमानत हो गई और उसे सात लाख रुपए के बांड भरने के निर्देश कोर्ट ने दिए तो उसका बांड नहीं भरा गया। यही से विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। इस बीच अमर अनंत अग्रवाल ने पेशी के दौरान न्यायाधीश सहित जेल डीजी को जानकारी दे जान का खतरा होने का हवाला देते हुए अन्य जेल स्थानातंरित का आग्रह किया। इसके बाद 30 अक्टूबर को उसे भोपाल स्थानातंरित कर साइबर सेल ने अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी। बताया जाता है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में जेल अधिकारियों ने ही आरोपी की जमानत करवाई है। इसके सबूत भी एसआइटी द्वारा जुटाए जा रहे हैं।