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महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था बदली, अधिक श्रद्धालुओं को होंगे दर्शन

श्रद्धालुओं की संख्या 1000 से बढ़ाकर 1500 की, भस्म आरती अनुमति के लिए अब हरिफाटक नहीं जाना होगा

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उज्जैन. राजाधिराज भगवान महाकाल की प्रतिदिन तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती की एक दिन पहले मिलने वाली ऑफलाइन प्रोटोकॉल वाली परमिशन के लिए अब हरिफाटक ब्रिज के नीचे चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, यह व्यवस्था अब मंदिर परिसर में ही शुरू कर दी गई है। साथ ही भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जो पहले 1000 से बढ़ाकर 1500 कर दी गई है।

दर्श्नार्थियों की संख्या बढ़ाई
कलेक्टर सिंह ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था के अध्ययन व सुरक्षा तथा सभी की मांग को देखते हुए भस्म आरती में अनुमति दी जाने वाले दर्शनार्थियों की संख्या समानुपात में 1000 से बढ़ाकर तत्काल प्रभाव से 1500 प्रतिदिन की जा रही है। सभी सुरक्षा नियम व नियामकों का पूर्ण पालन ( वैक्सीनशन/मास्क/दूरी) आदि का ध्यान रखकर पालन करें।

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शीघ्र दर्शन टिकट अब ऑनलाइन मिलेंगे
प्रोटोकॉल के 100 एवं 250 के शीघ्र दर्शन के जो टिकट ऑफलाइन मिलते थे, वे काउंटर से ऑनलाइन मिलेंगे, जिन्हें श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन भी ई-टिकट के रूप में भी ले सकेंगे। मंदिर के पंडे-पुजारियों ने नई व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त की।

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अब महाकाल के भक्तों को भस्म आरती व प्रोटोकॉल सुविधा के लिए दूर नहीं जाना होगा। उन्हें यह सुविधा मंदिर के प्रांगण में ही उपलब्ध हो जाएगी। कलेक्टर आशीष सिंह तथा प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हाट स्थित प्रोटोकॉल कार्यालय और शंख द्वार पर स्थित पुजारियों के पर गुरुवार से ही मंदिर के समीप शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभारी कर्मचारी ने मंदिर के सामने स्थित अन्नक्षेत्र में बाहर खुलने वाले दोनों कक्ष इस हेतु कम्प्यूटर सहित शिफ्ट भी कर दिए हैं। कई दिनों से इसकी मांग की जा रही थी।

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