
सरकार का बेतुका फरमान, पैसे दो और महाकाल मंदिर में बन जाओ VIP
उज्जैन. महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति और सरकार द्वारा मंदिर में सवा लाख रुपये से ज्यादा दान देने वाले श्रद्धालुओं को एक साल तक वीआईपी गेट से दर्शन देने की सुविधा पर अब विवाद शुरु हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे सरकार का गलत फैसला बता रहे हैं।
बता दें कि, महाकाल मंदिर में दानदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये ये नई व्यवस्था की गई है। व्यवस्था के तहत मंदिर में सवा लाख रुपये से ज्यादा दान देने वाले श्रद्धालु को एक साल तक वीआईपी गेट से दर्शन मिलेगा। यही नहीं, दानदाता द्वारा बताए जाने वाले दो सदस्यों के नाम से मंदिर समिति कार्ड भी बनाकर देगी, जिसे गेट पर दिखाकर वो दोनों लोग सालभर में हर रोज महाकाल मंदिर के वीआईपी गेट से मंदिर में प्रवेश ले सकेंगे। हालांकि, मंदिर प्रबंधन और सरकार द्वारा लिये गए इस फैसले को सोशल मीडिया पर गलत ठहराया जा रहा है। यूजर्स का कहना है कि, ऐसा करके सरकार और प्रबंधन छोटे और बड़े दानदाताओं के भीच भेदभाव पूर्ण रवैय्या प्रस्तुत कर रही है।
क्या कहते हैं यूजर?
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि, कोई भी व्यक्ति दान करता है, तो इसमें उसकी निष्ठा का महत्व होता है, फिर भले ही वो थोड़ा होया ज्यादा। सच्चे मन से दान करने का मह्त्व है। लेकिन, मंदिर प्रबंधन और सरकार ने इस नियम के जरिये ये दर्शाया है कि, सिर्फ अधिक दान करने वाला ही भगवान का बड़ा भक्त होता है। इसीलिये उसे वीईपी द्वार के जरिये महाकाल दर्शन देंगे।
एक अन्य यूजर का कहना है कि, अबतक तो अलग-अलग धर्मों में अंतर देखा था, लेकिन प्रबंधन के इस फैसले से एक ही धर्म के लोगों में अंतर किया जाएगा। यानी अगर मेरे पास दान करने के लिये सवा लाख रुपये नहीं हैं, तो मैं सिर्फ लंबी कतार में लगकर ही महाकाल के दर्शन कर सकता हूं, इसमें महाकाल के प्रति मेरी निष्ठा का कोई महत्व नहीं है। वहीं, अगर मैं सवा लाख दे देता हूं, तो कभी भी अपने साथ के दो लोगों के साथ महाकाल के वीआईपी दर्शन कर लूंगा। ये लोगों की निष्ठा से खिलवाड़ है।
क्या है नई व्यवस्था?
आपको बता दें कि, महाकाल की नई व्यवस्था के तहत दानदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये ये नई व्यवस्था शुरु की जा रही है। सवा लाख का दान देने वाले की सूची वीआईपी गेट पर होगी। दानदाता किसी भी दिन गेट पर संबंधित पास दिखाकर दर्शन के लिये प्रवेश पा सकेगा। मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ के अनुसार, दानदाता सवा लाख या उससे अधिका या इससे ज्यादा की सामग्री भगवान के अलंकरण आदि दान देते हैं, तो वो दर्शनार्थी रोजाना एक बार वीआईपी द्वार से महाकाल के दर्शन कर सकते हैं। ये दर्शनार्थी सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच और शाम को 6 बजे से 8 बजे के बीच किसी एक समय में वीआईपी गेट नंबर 4 से दर्शन के लिये प्रवेश कर सकते हैं।
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Published on:
29 Sept 2021 06:01 pm
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