
भगदड़ मचने से वाहन में बैठे कुछ बच्चे लगे थे बिलखने
शाजापुर. शहर में बुधवार को निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान नई सड़क क्षेत्र में जब पथराव हुआ और स्थिति बिगड़ी तो अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भगदड़ भी मच गई थी। इस दौरान प्रतिदिन की तरह अपने स्कूल वाहन में नौनिहालों को उनके घर छोडऩे के लिए निकले स्कूल वाहन चालक ने स्थिति को बिगड़ते देख समझदारी दिखाई और अपने स्कूल वाहन में बैठे बच्चों को वापास स्कूल ले गया। मामला शांत होने तक वाहन चालक ने अपने वाहन को स्कूल परिसर में खड़ा रखा। करीब एक घंटे बाद सभी नौनिहालों को उनके घर पर सुरक्षित छोड़ दिया।
दुपाड़ा रोड पर स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर सीबीएसइ में अध्ययनरत नौनिहालों को स्कूल से छुट्टी होने पर प्रतिदिन की तरह स्कूल मिनी वाहन चालक श्याम राठौर अपने वाहन में बैठाकर उनके घर छोडऩे जा रहा था। दोपहर 2.15 बजे स्कूल से छुट्टी होने पर वाहन में 7-8 बच्चें बैठे हुए थे। वाहन चालक श्याम दुपाड़ा रोड से सीधे काशीनगर होते हुए शरद नगर राम मंदिर से कुछ आगे पहुंचा था तो यहां पर लोगों की खासी भीड़ लगी हुईथी और जाम लगा हुआ था। श्याम ने बताया कि लोगों से पूछने पर पता लगा कि रैली निकल रही है। ऐसे में वो वाहन को लेकर जाम खुलने का इंतजार करने लगा। इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई। श्याम ने जानकारी ली तो पता लगा कुरैशी मोहल्ला और मनिहारवाड़ी क्षेत्र में विवाद हो गया है। भगदड़ मचने से वाहन में बैठे कुछ बच्चे बिलखने लगे। इस विपरित परिस्थिति में श्याम ने समझदारी दिखाते हुए अपने वाहन को वापस घुमाया और सीधे स्कूल के अंदर स्थित मैदान में ले जाकर खड़ा कर दिया। यहां पहुंचने के बाद श्याम ने अपने कुछ परिचितों को फोन करके शहर की जानकारी ली तो उसे पता चला कि अभी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। करीब एक घंटे तक इंतजार करने के बाद जब श्याम को हालात सामान्य होने की जानकारी मिली तब वो बच्चों को लेकर उनके घर पहुंचा और सकुशल सभी बच्चों को उनके परिजनों के पास छोड़ दिया।
सहम गई थी बेटी, रात तक रोती रही
स्कूल वाहन में सवार कक्षा एलकेजी की 5 वर्षीय छात्रा सारिका पिता धनराज गवली बुरी तरह से सहम गई। छात्रा की माता रीना गवली ने बताया दोपहर 2.30 बजे तक सारिका हर दिन स्कूल से घर पहुंच जाती है, लेकिन बुधवार को जब वो दोपहर 3 बजे तक भी घर नहीं पहुंची तो चिंता होने लगी। स्कूल वाहन चालक को जब फोन लगाया तो उसने पूरे मामले की जानकारी दी। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे जब सारिका घर पर आई तो वो बुरी तरह से सहमी हुई थी। रीना गवली ने बताया कि अचानक हुई भगदड़ और बवाल को देखकर वो इतना डर गई कि रात तक रोती रही।
इस तरह के आयोजन में बदले स्कूल का समय
स्कूल वाहन चालक श्याम राठौर ने समझदारी दिखाते हुए वाहन में बैठे हुए बच्चों को सकुशल उनके घर पहुंचाया उस वाहन में सारिका सहित और भी नौनिहाल बैठे हुए थे। इस वाहन में बैठे अन्य बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चें भी बुधवार को हुए घटनाक्रम के कारण डर गए थे। अभिभावाकों ने कहा कि शहर में आए दिन इस तरह के मामले हो रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन को इस तरह के आयोजन वाले दिन विद्यालय की छुट्टी आयोजन के पहले ही करवा देना चाहिए जिससे बच्चें सुरक्षित रहें, क्योंकि यदि किसी ने बच्चों के साथ कोई अनहोनि हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
Published on:
11 Jan 2020 12:53 am
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
