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Big Breaking : उज्जैन के महाकाल मंदिर में टला बड़ा हादसा, भीड़ नहीं थी, अन्यथा कई होते घायल

सुबह 7.30 बजे महाकाल मंदिर में बड़ी घटना होते-होते बची, जानिए आखिर क्या हुआ था उस समय...

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उज्जैन. महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार को बड़ा हादसा होते-होते टला। मंदिर में छत का प्लास्टर अचानक गिर गया। मुख्य द्वार की सीढियों के समीप पालकी द्वार के ऊपर की छत का प्लास्टर भरभराकर गिर पड़ा। उस समय श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं थी, अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी।

घटना सुबह 7.30 बजे की
घटना सुबह करीब 7.30 बजे की है। अचानक महाकाल मंदिर की छत का प्लास्टर गिर गया। प्लास्टर गिरने से कोई जनहानि नहीं हुई। घटना के बाद मंदिर में हड़कंप मच गया। प्रत्यक्षदर्शी कर्मचारियों के अनुसार घटना के समय श्रद्धालुओं का आगमन नहीं था, इसलिए किसी को चोट नहीं पहुंची है।

सभा मंडप में चल रहा है निर्माण कार्य
गौरतलब है कि मंदिर में सभामंडप में पिछले कुछ दिनों से निर्माण कार्य चल रहा है, इसके चलते फिलहाल श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार के समीप बने गलियारे से 6 नंबर गेट होते हुए मंदिर के भीतर ले जाया जाता है। यही वजह रही कि यहां श्रद्धालुओं की आवाजाही नहीं थी, अन्यथा बड़ी घटना घट सकती थी।

वीआईपी दर्शनार्थियों का प्रवेश पालकी द्वार से
महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी का प्रवेश इन दिनों मंदिर की मुख्य सीढिय़ों से पालकी द्वार से होता है। जैसे ही प्लास्टर गिरने की सूचना मंदिर समिति को मिली, पूरे मंदिर में हड़कंप मच गया। बैरिकेड्स लगाकर रास्ते को बंद कर दिया गया, ताकि यहां कोई आ-जा न सके। बाद में दूसरे रास्ते से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया।

इधर चल रही सुगम दर्शन की तैयारी
महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगमता से दर्शन की तैयारी की जा रही है। मंदिर से संबंधित जानकारी देने के लिए सत्कार कक्ष को अपडेट किया जाएगा। इसमें जानकारी के नि:शुल्क ब्रोशर देने पर भी विचार किया जाएगा। गर्मी के दौरान सशुल्क दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों की प्रवेश -निर्गम व्यवस्था में बदलाव होगा। आम श्रद्धालुओं को धूप से बचाने के लिए शामियाना लगाया जाएगा। यह निर्णय महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों की बैठक में लिए गए। मंदिर में श्रद्धालुओं को अनेक दिक्कतों का सामना करने की जानकारी के बाद गुरुवार को मंदिर समिति सदस्य प्रदीप गुरु , विभाष उपाध्याय और जगदीश शुक्ला ने सहायक प्रशासक प्रीति चौहान, सहायक प्रशासनिक अधिकारी दिलीप गरूड़ और मंदिर के अन्य सेवकों के साथ चर्चा और फिर मंदिर का भ्रमण किया।